जिला पंचायत सदस्य एवं क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों का बैकुंठ सीमेंट वर्क्स श्रमिकों के हड़ताल प्रदर्शन में प्रत्यक्ष रूप से समर्थन के लिए आभार

जिला पंचायत सदस्य एवं क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों का बैकुंठ सीमेंट वर्क्स श्रमिकों के हड़ताल प्रदर्शन में प्रत्यक्ष रूप से समर्थन के लिए आभार

 जिला पंचायत सदस्य एवं क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों का बैकुंठ सीमेंट वर्क्स श्रमिकों के हड़ताल प्रदर्शन में प्रत्यक्ष रूप से समर्थन के लिए आभार
छत्तीसगढ़ सीमेंट एवं खदान कल्याणकारी श्रमिक संघ के संरक्षक शंकर सिंह निर्मलकर ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बैकुंठ सीमेंट वर्क्स अल्ट्राटेक सीमेंट बैकुंठ के समस्त श्रमिकों एवं आसपास गांव के पंच सरपंच जनपद सदस्य
 जिला पंचायत सदस्य एवं क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों का बैकुंठ सीमेंट वर्क्स श्रमिकों के हड़ताल प्रदर्शन में प्रत्यक्ष रूप से समर्थन के लिए आभार जताया है । एवं सभी पत्रकारों टीवी न्यूज चैनलो यूट्यूब न्यूज चैनलो का भी आभार जताया जिन्होंने ने श्रमिकों कि मांगों समस्याओं एवं फैक्ट्री से तालाबंदी हटाने की खबरें प्रमुखता से प्रकाशित कर शासन प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया।
श्री शंकर सिंह निर्मलकर ने कहा कि आसपास गांव के जनप्रतिनिधियों एवं क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के समर्थन सहयोग से ही श्रमिकों का यह हड़ताल सफल हुआ एवं बैकुंठ सीमेंट वर्क्स प्रबंधक फैक्ट्री से तालाबंदी हटाने में मजबूर हुआ जिसके कारण फैक्ट्री फिर से चालू हुआ और श्रमिक कर्मचारी फिर से काम पर लौटे।
28 दिनों तक चले हड़ताल में जहां प्रबंधक फैक्ट्री में तालाबंदी कर फैक्ट्री को प्रशासनिक अधिकारियों के हवाले कर निश्चिंत हो गया वहीं दूसरी ओर फैक्ट्री में काम करने वाले श्रमिकों ने हड़ताल प्रदर्शन के साथ साथ दिन रात चौबीसों घंटे फैक्ट्री के सभी गेट पर एवं फैक्ट्री के बाहरी एरिया में चाक-चौबंद रखवाली कर फैक्ट्री में बंद स्थिति में किसी भी तरह से फैक्ट्री परिसर में समानो मशीनों को आर्थिक नुकसान होने से बचाया फैक्ट्री खुलने पर सभी मशीनरी समाने उपकरण सही सलामत मिला इसी कारण तालाबंदी हटने के कुछ ही घंटे में फैक्ट्री में कार्य सुचारु रूप से प्रारंभ हो गया और पूर्व की भांति उत्पादन चालू हो गया। 
शंकर सिंह निर्मलकर ने आगे कहा कि प्रबंधक द्वारा श्रमिक युनियन प्रतिनिधियों पर लगाए गए आरोप निराधार और बेबुनियाद है इस हड़ताल का जिम्मेदार पूरी तरह से बैकुंठ सीमेंट प्रबंधक ही है जिसने श्रमिकों को प्रतिवर्ष मिलने वाले बोनस को रोक कर रखा और बिना यूनियन प्रतिनिधियों से चर्चा किए राष्ट्रीय अवकाश 15 अगस्त जिस दिन सभी बैंक बंद थे उस दिन यूपीआई के माध्यम से श्रमिकों के एकाउंट में कुछ रुपए डलवा दिया तथा 30 अगस्त को बिना किसी पूर्व सूचना दिए 150 श्रमिकों को नौकरी से निकाल दिया इन मुद्दों को यूनियन प्रतिनिधियों ने अपने कर्तव्य का दायित्व मानकर प्रबंध के समक्ष उठाया था इसे ही फैक्ट्री प्रबंधक अनुशासन हीनता मानकर 09 यूनियन प्रतिनिधियों को नौकरी से निकालने की कारवाई किया था जिसके कारण बैकुंठ सीमेंट वर्क्स में संवेदनशील स्थिति निर्मित हुई और इतने लंबे समय तक हड़ताल जारी रहा। 
बैकुंठ सीमेंट फैक्ट्री पिछले 55 वर्षों से स्थापित है यहां आजतक फैक्ट्री में कभी भी तालाबंदी या उत्पादन बंद नहीं हुआ है लेकिन पिछले कुछ महीनों से प्रबंधक श्रमिकों पर अत्याचार शोषण करने में लगा हुआ था जिसकी परिणति फैक्ट्री में तालाबंदी करना पड़ा। 
 बैकुंठ सीमेंट वर्क्स अपने नाम के अनुरूप शांत क्षेत्र है लेकिन यहां कुछ वर्षों से अधिकारियों कि लगातार अदला बदली हो रही है और ऐ लोग श्रमिकों एवं यहां कि स्थिति से अपनत्व का भाव नहीं बना पाए है इसलिए फैक्ट्री कि दुर्दशा के जिम्मेदार यहां के अधिकारी ही है। श्रमिक हमेशा ईमानदारी से अपने काम करते हुए आ रहे हैं और आगे भी करेंगे।
          धन्यवाद 
         भवदीय 
शंकर सिंह निर्मलकर

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