*धनतेरस आत्मिक समृद्धि का संदेश देता है - बीके स्वाति दीदी*

*धनतेरस आत्मिक समृद्धि का संदेश देता है - बीके स्वाति दीदी*

*धनतेरस आत्मिक समृद्धि का संदेश देता है - बीके स्वाति दीदी*
*धनतेरस आत्मिक समृद्धि का संदेश देता है - बीके स्वाति दीदी*
बिलासपुर, 18 अक्टूबर। धनतेरस पर्व पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय बिलासपुर की मुख्य शाखा, टेलीफोन एक्सचेंज रोड स्थित राजयोग भवन सेवाकेन्द्र में धनतेरस के अवसर पर “धनतेरस का आध्यात्मिक रहस्य” बताते हुए सेवाकेन्द्र संचालिका बीके स्वाति दीदी ने उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए कहा कि धनतेरस केवल सोना-चांदी या वस्तुएं खरीदने का दिन नहीं, बल्कि अपने भीतर के गुणों की संपदा बढ़ाने का अवसर है। 
उन्होंने कहा कि “धन” का सच्चा अर्थ है गुणों और शक्तियों की अमूल्य संपत्ति — शांति, प्रेम, पवित्रता, करुणा और सुख। आज मनुष्य के पास भौतिक साधन तो बढ़ गए हैं, परन्तु मन की शांति खो गई है। इसका कारण आत्मिक धन की कमी है। धनतेरस हमें स्मरण कराता है कि इस दिन हमें भौतिक वस्तुओं से अधिक, आध्यात्मिक मूल्यों की खरीदारी करनी चाहिए।
बीके स्वाति दीदी ने बताया कि शास्त्रों में धनतेरस के दिन धन्वंतरि देव के अमृत कलश लेकर प्रकट होने का वर्णन है। इसका आध्यात्मिक अर्थ है कि परमात्मा आज हमें ज्ञान-अमृत प्रदान कर रहे हैं, जिससे आत्मा रूपी शरीर स्वस्थ और निरोग बनती है। उन्होंने कहा कि काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार ही आत्मा के असली रोग हैं, जिन्हें ईश्वर-स्मृति और राजयोग से मिटाया जा सकता है। दीदी ने कहा कि दीप जलाने की परंपरा भी इस दिन शुरू होती है। दीपक आत्मा का प्रतीक है और उसका प्रकाश ईश्वर-स्मृति का प्रतीक। जब आत्मा योग के तेल से प्रज्वलित होती है, तब जीवन का अंधकार मिट जाता है। उन्होंने कहा कि इस धनतेरस पर सच्ची खरीदारी वही होगी जब हम परमात्मा से ज्ञान, योग और सकारात्मक संकल्पों का लेन-देन करें। यही वह सौदा है जिसमें कोई हानि नहीं, केवल आत्मिक अमीरी बढ़ती है।
कार्यक्रम में उपस्थित भाई-बहनों ने दीप प्रज्वलन कर ईश्वरीय स्मृति में कुछ पल मौन ध्यान किया और संकल्प लिया कि वे अपने मन के खजाने को ईश्वरीय गुणों से भरेंगे, हर आत्मा को शुभकामनाएं देंगे और समाज में शांति व सकारात्मकता फैलाएंगे।
अंत में बीके स्वाति दीदी ने कहा कि धनतेरस का सच्चा उत्सव तब पूरा होता है जब हम अपने भीतर की ज्योति को जगाकर दूसरों के जीवन में भी प्रकाश फैलाते हैं। यही ब्रह्माकुमारीज़ संस्था का उद्देश्य है – एक सुखी, स्वस्थ और संस्कारी विश्व की स्थापना।
ईश्वरीय सेवा में,
राजयोग भवन, बिलासपुर

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