धान बेचने किसानों का पंजीयन नहीं कैसे बचेंगे किसान अपनी उपज, छाया वर्मा पूर्व राज्यसभा सांसद ।

धान बेचने किसानों का पंजीयन नहीं कैसे बचेंगे किसान अपनी उपज, छाया वर्मा पूर्व राज्यसभा सांसद ।

धान बेचने किसानों का पंजीयन नहीं कैसे बचेंगे किसान अपनी उपज, छाया वर्मा पूर्व राज्यसभा सांसद ।
तिल्दा नेवरा।
दिलीप वर्मा।

धान बेचने किसानों का पंजीयन नहीं कैसे बचेंगे किसान अपनी उपज, छाया वर्मा पूर्व राज्यसभा सांसद ।
पूर्व राज्यसभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा ने आज एक बयान जारी कर कहा अधिकांश शहरी क्षेत्र में धान बेचने हेतु किसानो का पंजीयन नहीं हुआ है, पंजीयन की आखिरी तारीख 30 अगस्त थी जहां कई शहरी क्षेत्र में किसानों का पंजीयन नहीं हो पाया है क्योंकि पंजीयन वाला पोर्टल बंद है साथ ही कई ग्रामीण क्षेत्रों में भी पूर्ण रूप से किसानों का पंजीयन नहीं हुआ है, उन्होंने सवाल उठाया है कि राज्य की भाजपा सरकार किसानों पर नए-नए नियम थोप रही है जिसके चलते किसान अपनी उपज बेचने में असमर्थ हैं, उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा की सबसे पहले किसानों को खाद के लिए भटकना पड़ा उन्हें खाद नहीं मिल पाया जबकि भारी दामों में खुले बाजार में खाद मिल रहा है और ऊंचे कीमतों में किसानों को खाद लेना पड़ा था है, वहीं अब किसानों को धान बेचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा, राज्य सरकार 3100 रुपए में प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी कि घोषणा तो कर ली है लेकिन नए नियमों से किसान फिर परेशान हो चुके हैं।
उन्होंने कहा कि कई शहरी क्षेत्र में किसानों का पंजीयन नहीं हुआ है तिल्दा नेवरा सहित सासाहोली, धरसीवा क्षेत्र में धान बिक्री हेतु किसानो का पंजीयन नहीं हुआ है, इसी तरह से कई ग्रामीण क्षेत्रों में भी अधिकांश कृषकों के पंजीयन नहीं होने से अब एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है।

 उन्होंने आरोप लगाया है कि भाजपा की सरकार जानबूझकर किसानों को प्रताड़ित कर रही है उन्होंने अतिशीघ्र धान खरीदी हेतु किसानो का पंजीयन करने की मांग की है।

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