*बेमेतरा:- जीवन में श्राद्ध के लिए श्रद्धा जरूरी – देवलाल सिन्हा*

*बेमेतरा:- जीवन में श्राद्ध के लिए श्रद्धा जरूरी – देवलाल सिन्हा*

*बेमेतरा:- जीवन में श्राद्ध के लिए श्रद्धा जरूरी – देवलाल सिन्हा*
*बेमेतरा:- जीवन में श्राद्ध के लिए श्रद्धा जरूरी – देवलाल सिन्हा*

*भिम्भौरी में आयोजित हुआ "पुरखा के सुरता" कार्यक्रम*
*मेघू राणा बेमेतरा/बेरला*:- पितृपक्ष के पावन अवसर पर कलाकारों का गढ़ आदर्श नगर भिम्भौरी एक दिव्य आयोजन का साक्षी बना। यहाँ दिवंगत आत्माओं की पुण्य स्मृति में “पुरखा के सुरता” कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया, जिसकी परिकल्पना विनोद साहू ने की।
कार्यक्रम के प्रथम दिवस पर छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध मानस मंडलियों ने राम जी की कथाओं का वर्णन किया तथा अपने मंचन के माध्यम से छत्तीसगढ़ लोककलाकार पुरखा- पुरोधाओं को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इसमें श्री कृष्ण मानस मंडली आनंदगांव, शिव शक्ति मानस मंडली कपसदा, जय दुर्गा मानस मंडली बेंदरी, कला सिताछी महिला
 मानस मंडली सिंगदेही, जय बजरंग मानस मंडली डंडेसरा, जय जगत आजाद मानस मंडली आलेखुटा सहित कई मंडलियों ने अपनी गरिमामयी प्रस्तुति दी। कार्यक्रम के अतिथि माँ भद्रकाली जिला मानस संघ बेमेतरा के अध्यक्ष देवलाल सिन्हा थे। उन्होंने अपने उद्बोधन में गोस्वामी तुलसीदास के पद को उद्धृत करते हुए कहा – “जे श्रद्धा संबल रहित, नहीं संतन्ह कर साथ, तिन्ह कहु मानस अगम अति, जिन्हही न प्रिय रघुनाथ।” सिन्हा ने आगे कहा कि – “जीवन में पहले श्रद्धा और अंत में श्राद्ध का महत्व है। जब तक मनुष्य जीवित है, तब तक श्रद्धा ही उसका संबल है, वही मृत्यु उपरांत श्राद्ध के रूप में परिणत होती है।”
इस अवसर पर क्षेत्र के प्रतिष्ठित नागरिक व श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित रहे जिनमें माखन साहू , महाराज दिन धीवर, हरीशचंद्र वर्मा, चेतन साहू, राजेंद्र मानिकपुरी, गोपी साहू, उत्तम साहू, दाऊ शेखर परगनीहा, कमलेश वर्मा, राजेंद्र वर्मा, श्याम कुमार वर्मा, मनोज वर्मा, संतराम धीवर, यामिनी साहू, सदानंद यदु, सूरज प्रसाद तिवारी, बल्ला साहू, डॉ. यु.के. देवांगन सहित नगरवासी बड़ी संख्या में शामिल हुए। कार्यक्रम ने न केवल पितृपक्ष की गरिमा को पुनः जागृत किया बल्कि नई पीढ़ी को भी यह संदेश दिया कि जीवन में श्रद्धा ही सबसे बड़ा संबल है।

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