*भगवान श्री जगन्नाथ जी 9 दिन मौसी के घर रहने के बाद लौटे अपने निवास*

*भगवान श्री जगन्नाथ जी 9 दिन मौसी के घर रहने के बाद लौटे अपने निवास*

*भगवान श्री जगन्नाथ जी 9 दिन मौसी के घर रहने के बाद लौटे अपने निवास*
*भगवान श्री जगन्नाथ जी 9 दिन मौसी के घर रहने के बाद लौटे अपने निवास*

*शनिवार को भगवान श्री जगन्नाथ जी की बहुदा यात्रा धूमधाम से संपन्न हुई।*
भगवान श्री जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा जी 9 दिनों तक महामाया मंदिर (जो भगवान की मौसी का घर माना जाता है) में विश्राम करने के उपरांत शनिवार को अपने निवास कपिलेश्वर मंदिर में भव्य शोभायात्रा के साथ लौटे। इस पावन बहुदा यात्रा में श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता था।

गाजे-बाजे और भक्ति संगीत के साथ रथयात्रा प्रारंभ हुई, जिसमें बड़ी संख्या में भक्तगण शामिल हुए। चारों ओर हरि नाम संकीर्तन और "जय श्री जगन्नाथ" के जयकारे गूंजते रहे।
भगवान श्री जगन्नाथ की बहुदा यात्रा का धार्मिक, आध्यात्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस यात्रा में भाग लेने से श्रद्धालु को सुख, सौभाग्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है। जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति पाने के लिए यह यात्रा अत्यंत पुण्यकारी मानी जाती है।

"बहुदा" का शाब्दिक अर्थ है "वापसी"। रथयात्रा के दिन भगवान जगन्नाथ जी अपनी मौसी के घर जाते हैं और नौ दिन वहाँ विश्राम करने के पश्चात पुनः अपने निवास लौटते हैं। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है और प्रत्येक वर्ष श्रद्धालुओं की आस्था और संख्या दोनों में वृद्धि होती है।
इस दिव्य यात्रा में मंदिर समिति के सदस्यगण, स्थानीय नागरिक, श्रद्धालु और सेवकगण भावपूर्वक सम्मिलित हुए। भगवान श्री जगन्नाथ जी को प्रेम और श्रद्धा से उनके निवास स्थान तक पहुँचाया गया।

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