जातिगत जनगणना सामाजिक न्याय,समानता और समावेशी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम - भाजपा नेता डॉ. प्रतीक उमरे
जातिगत जनगणना सामाजिक न्याय,समानता और समावेशी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम - भाजपा नेता डॉ. प्रतीक उमरे
दुर्ग नगर निगम के पूर्व एल्डरमैन भाजपा नेता डॉ. प्रतीक उमरे ने आगामी जनगणना में जातिगत जनगणना को शामिल करने के केंद्र की मोदी सरकार के फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए स्वागत करते हुए इसे सामाजिक न्याय की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया,जो सामाजिक समानता और पिछड़े वर्गों के सशक्तीकरण को बढ़ावा देगा।डॉ. प्रतीक उमरे ने कहा कि जातिगत जनगणना से विभिन्न समुदायों की आबादी के आधार पर नीतियां बनाने और आरक्षण जैसे लाभों को अधिक प्रभावी ढंग से लागू करने में मदद मिलेगी।यह कदम भारत में जाति आधारित आंकड़ों के अभाव को दूर करने और समावेशी नीति-निर्माण को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।यह विभिन्न जातियों की सटीक जनसंख्या का डेटा प्रदान करेगी,जिससे सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े समुदायों के लिए लक्षित नीतियां बनाई जा सकेंगी।जातिगत आंकड़ों से शिक्षा,नौकरी और अन्य क्षेत्रों में आरक्षण के लाभ को अधिक न्यायसंगत और पारदर्शी ढंग से लागू किया जा सकेगा।सरकार को विभिन्न समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का स्पष्ट चित्र मिलेगा,जिससे कल्याणकारी योजनाओं को उनकी वास्तविक जरूरतों के अनुसार डिजाइन किया जा सकेगा।यह उन जातियों की पहचान करने में मदद करेगा जो अभी तक सरकारी योजनाओं के दायरे से बाहर हैं,जिससे उनका उत्थान संभव होगा।जातिगत आंकड़े राजनीतिक प्रतिनिधित्व को और समावेशी बनाने में सहायक हो सकते हैं,जिससे विभिन्न समुदायों की आवाज को बेहतर प्रतिनिधित्व मिलेगा।