सारागांव में हो रहा श्रीमद् भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ सप्ताह का आयोजन
नया गौरा चौक वार्ड क्रमांक 3 सारागांव में इन दिनों श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह चल रहा है | कथावाचक पंडित घनश्याम प्रसाद तिवारी जी के द्वारा कथा वाचन किया जा रहा है | उन्होंने गजेंद्र मोक्ष की कथा करते हुए कहा कि द्रविड़ देश में एक पाण्ड्यवंशी राजा राज्य करते थे। उनका नाम था इंद्रद्युम्न। वे भगवान की आराधना में ही अपना अधिक समय व्यतीत करते थे। यद्यपि उनके राज्य में सर्वत्र सुख-शांति थी। प्रजा प्रत्येक रीति से संतुष्ट थी तथापि राजा इंद्रद्युम्न अपना समय राजकार्य में कम ही दे पाते थे। वे कहते थे कि भगवान विष्णु ही मेरे राज्य की व्यवस्था करते है। अतः वे अपने इष्ट परम प्रभु की उपासना में ही दत्तचित्त रहते थे। इसी प्रकार समुद्र मंथन की कथा करते हुए कहा कि भगवान(विष्णु) के आदेशानुसार इन्द्र देव ने समुद्र ममन्थन से अमृत निकलने की बात बलि को बताया। असुरराज बलि ने देवराज(देवताओं के राजा) इन्द्र से समझौता कर लिया और समुद्र मंथन के लिये तैयार हो गये। मन्दराचल पर्वत को मथनी तथा वासुकी नाग को नेती बनाया गया। वामन अवतार की कथा में बताया कि वामन देव विष्णु जी के पांचवें अवतार हैं। वामन उस समय प्रकट हुए थे, तब दैत्यराज बलि का आतंक फैला हुआ था। बलि ने देवताओं को पराजित कर दिया था और स्वर्ग पर अधिकार कर लिया था। देवताओं की रक्षा के लिए भगवान विष्णु ने देवमाता अदिति के गर्भ से वामन देव के रूप में जन्म लिया था। कथा का आयोजन श्रीमती कमला शरद कुमार सिन्हा, श्रीमती दुलारी संतोष सिन्हा, श्रीमती कुंती संतराम सिन्हा के द्वारा किया जा रहा है |
आयोजनकर्ता के द्वारा बताया गया कि सच्चिदानंद, आनंदकंद श्री बांकेबिहारी एवं राधारानी की दिव्य प्रेरणा एवं पूर्वजों के पावन आशीर्वाद एवं पूज्यनीया माताजी स्व. श्रीमती विरझा बाई सिन्हा, पूज्य पिताजी स्व. निरंजन सिन्हा एवं भैया स्व. यखेद् राम सिन्हा की स्मृति में श्रीमद् भागवत महापुराण सप्ताह ज्ञान यज्ञ का दिव्य आयोजन किया जा रहा है। कथा में आयोजकगण श्रीमती बिरझा बाई सिन्हा,सेवती-सत्यनारायण सिन्हा,सरोज ओमप्रकाश सिन्हा, सुनीता-रामप्रकाश सिन्हा,गीता-नंदकुमार सिन्हा, ममता-रामकुमार सिन्हा,दिव्या, नीलम,विरेन्द्र सिन्हा,रेणु-राजेन्द्र सिन्हा,सावित्री-धीरेन्द्र सिन्हा,धनेश्वरी-प्रदीप सिन्हा, मोनेन्द्र, नर्मता, जूतन, रितेश, मेघा, नम्रता, यश, ट्विकंल, मान्या, तमन्नी, सूर्यांश, चार्वी, उर्विका,भोला, हिमांशी, मानस,माधुरी-मोहन,जायसवाल,ममता-देवेन्द्र सिन्हा, महेश्वरी पुनीत जायसवाल,रामू-ब्रह्मदेव जायसवाल, शैलेन्द्री-सतीश जायसवाल,चम्दा-शिवकुमार सिन्हा त्रिवेणी-सुरेश जायसवाल, तारकेश्वर कुमार धीवर सहित ग्रामवासी उपस्थित थे |