अपने स्वार्थ के खातिर पेड़ों की हत्या क्यों

अपने स्वार्थ के खातिर पेड़ों की हत्या क्यों

अपने स्वार्थ  के खातिर पेड़ों की हत्या क्यों

अपने स्वार्थ  के खातिर पेड़ों की हत्या क्यों

करोना  वन और टू मैं जिस तरह भयानक स्थिति रही ऑक्सीजन के लिए मारामारी रही उसके बाद भी लोग पेड़ों की कीमत नहीं समझ पा रहे हैं वह अपने स्वार्थ की खातिर विकास के नाम के खातिर पेड़ों की हत्या की जा रही है

 हाल ही में करोना  का नया स्वरूप आया है ओमीक्रॉन जो भारत में भी दस्तक दे चुका है कई प्रदेशों में धीरे-धीरे इसके केस  सामने आ रहे हैं लगता है 2022 में फिर से महामारी बढ़ेगी इसलिए अभी तो कम से कम हमें सतर्क रहने की जरूरत है वह पेड़ों की कीमत समझे अगर इसके बाद भी लोग पेड़ों की कीमत नहीं समझ रहे हैं तो ऐसे लोगों को भगवान सद्बुद्धि दे यह हरा भरा पेड़ चाटीडीह  सब्जी मंडी के सामने काट  दिया गया 

श्री विजय दुसेजा जी की खबर

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