सरस्वती शिशु मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तिल्दा में विद्या भारती की योजनानुसार *सप्तशक्ति संगम* कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
तिल्दा नेवरा।
दिलीप वर्मा।
सरस्वती शिशु मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तिल्दा में विद्या भारती की योजनानुसार *सप्तशक्ति संगम* कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
उक्त कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में नंदिनी खिचरिया,मुख्य वक्ता सुमन मुथा एवं किरण बघेल,अध्यक्षता कर रही वार्ड क्र.21 की पार्षद रानी सौरभ जैन,कार्यक्रम की संयोजिका हेमा देवांगन शिशु वाटिका प्रभारी,कार्यक्रम की संचालिका सुकन्या दीक्षित के द्वारा माँ सरस्वती, ओम एवं भारत माता के छाया चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
सभी अतिथियों का पुष्प गुच्छ एवं तिलक लगाकर स्वागत किया गया। हेमा देवांगन दीदी के द्वारा सभी माताओं को सप्त शक्ति संगम कार्यक्रम की प्रस्तावना एवं उद्देश्य की जानकारी दी गई।
डाॅ.किरण बघेल ने अपने उद्बोधन में सप्त शक्ति संगम कार्यक्रम का उद्देश्य बताते हुए कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने गीता के दसवें अध्याय के 34 वें श्लोक में बताया है कि महिलाओं में 7 प्रकार की शक्ति होती है।इसी 7 प्रकार की शक्तियों कीर्ति, श्री (लक्ष्मी), वाक् (वाणी), धृति (धैर्य), स्मृति (स्मरण क्षमता), मेधा ( बुधि) एवं क्षमा को जाग्रत करना ही इस कार्यक्रम का उद्देश्य है।यहाँ उपस्थित सभी माताओं में ये 7 प्रकार की शक्ति जागृत हो।
हमें पश्चात्य संस्कृति को न अपनाकर भारतीय संस्कृति को अपनानी चाहिए।तभी हमारे घर के लोग अपनायेगे,जानेंगे,पड़ोसी जानेंगे,सब जानेंगे और भारतीय संस्कृति पर गर्व करेंगे।
तत्पश्चात रानी लक्ष्मी बाई,अहिल्या बाई होलकर,लता मंगेशकर,कल्पना चावला,माँ लक्ष्मी,राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु आदि बनीं हुई बालिकाओं नें अपनी-अपनी शक्ति का परिचय कराया।
सुमन मुथा ने कुटुम्ब प्रबोधन विषय के बारे में बताते हुए कहा कि कुटुम्ब याने परिवार,कुटुम्ब ही राष्ट्र का बीज है।महिलाओं के कारण ही परिवार की दशा टिकी है।संयुक्त परिवार अब छोटा होता जा रहा है,देश भी पहले विशाल था अब छोटा होता जा रहा है।माँ शब्द भले छोटा हो मगर इससे बढ़कर अर्थ किसी भी शब्द का नहीं है।तलाक का हमारे देश में अस्तित्व ही नहीं था लेकिन पाश्चात्य संस्कृति को देखकर अब हमारे देश में भी तलाक हो रहा है।चाहे राष्ट्रपति पद हो या प्रधानमंत्री पद हर बड़े-से-बड़े पद पर भारत की महिलाएँ काबिज़ रही है।पेड़ नहीं लगाओगे तो आक्सीजन कहाँ से मिलेगा,छाया कहाँ से मिलेगी इसलिए ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाइए।
तत्पश्चात संस्कार केंद्र के भैय्या-बहनों के द्वारा भी सामाजिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई।
वार्ड क्र.21 की पार्षद रानी जैन ने अपने उद्बोधन में कहा कि उत्पन्न करने की शक्ति केवल महिलाओं में है पुरुषों में नहीं है।महिलाएँ आज हर क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं है।
इस अवसर पर कार्यक्रम में पधारे हुए अतिथियों एवं विद्यालय के पूर्व छात्र जो विविध विभागों में कार्यरत हैं एवं बोर्ड कक्षाओं में उच्चतम अंक लाये हैं उनकी माताओं को स्मृति-चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में विद्यालय प्रबंध समिति के कोषाध्यक्ष दिलीप वर्मा भी उपस्थित हुए।
हेमा देवांगन दीदी के द्वारा कार्यक्रम में पधारे हुए सभी मातृशक्तियों एवं अतिथियों का आभार एवं धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
कार्यक्रम का समापन कल्याण मंत्र के साथ किया गया।