*"नये श्रम कानून श्रमिकों की भलाई की कीमत पर उद्योगपतियों के लिए अधिक लचीलापन प्रदान करता है*"

*"नये श्रम कानून श्रमिकों की भलाई की कीमत पर उद्योगपतियों के लिए अधिक लचीलापन प्रदान करता है*"

*"नये श्रम कानून श्रमिकों की भलाई की कीमत पर उद्योगपतियों के लिए अधिक लचीलापन प्रदान करता है*"
*"नये श्रम कानून श्रमिकों की भलाई की कीमत पर उद्योगपतियों के लिए अधिक लचीलापन प्रदान करता है*"
छत्तीसगढ़ सीमेंट एवं खदान कल्याणकारी श्रमिक संघ के छत्तीसगढ़ प्रदेश महासचिव कमलेश वर्मा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए चार नए श्रम कानून श्रमिकों की भलाई की कीमत पर उद्योगपतियों के लिए फायदेमंद साबित होगा।
आज उद्योगपतियों द्वारा ठेका श्रमिकों के माध्यम से हर उद्योग में काम लिया जा रहा है ठेका श्रमिक उन्मूलन अधिनियम 1970 के अंतर्गत समान काम समान वेतन नियम लागू है लेकिन नये श्रम कानून के अनुसार कंपनीयां लागत कम करने के लिए श्रमिकों को अस्थाई रूप से नियुक्त कर सकती है जिससे उसकी नौकरी की सुरक्षा कम हो सकती है जिससे रोजगार अस्थाई होगा हर कंपनीयां अस्थाई श्रमिकों को नियोजित करेंगे जिससे कंपनीयों को वेतन के साथ भत्ते नहीं देना होगा और कुछ मामलों में काम के घंटे में वृद्धि हो सकती है जिससे 8 घंटे से अधिक समय तक श्रमिकों को काम करना पड़ सकता है ।
केन्द्र सरकार द्वारा, 26/09/2024 को अधिसूचना जारी कर परिवर्तनशील महंगाई भत्ते (वी डी ए) में संशोधन किया गया है लेकिन यह लाभ भारत देश के 5% श्रमिकों को ही मिल रहा है ठीक इसी प्रकार इस चार नए श्रम कानून का लाभ भी 5% श्रमिकों को ही मिलेगा।

 ठेका श्रमिकों को जागरू होना होगा नियुक्ति पत्र मिलने के बाद ही काम जारी करना होगा नियुक्ति पत्र में यह स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए कि श्रमिकों को किस काम के लिए और कब से नियोजित किया जा रहा है इसके साथ ही नियुक्ति पत्र में श्रमिकों का बैंक खाता नंबर पीएफ ई एस आई सी खाता नंबर का स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए।
धन्यवाद 
भवदीय 
कमलेश वर्मा 
महासचिव 
छत्तीसगढ़ सीमेंट एवं खदान कल्याणकारी श्रमिक संघ 
रायपुर छत्तीसगढ़

Ads Atas Artikel

Ads Atas Artikel 1

Ads Center 2

Ads Center 3