* *ग्राम मुड़पार में 65वां तीन दिवसीय रामलीला महोत्सव भव्य रूप से सम्पन्न*
खरोरा। ग्राम पंचायत मुड़पार के प्रांगण में आदर्श नवयुवक रामलीला मंडलियों के तत्वावधान में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी 3 दिवसीय रामलीला महोत्सव का आयोजन किया गया। यह आयोजन लगातार पिछले 65 वर्षों से निरंतर जारी है, जिससे यह ग्राम की एक गौरवशाली परंपरा बन चुकी है।
*मुख्य प्रसंगों का हुआ मंचन*
2 अक्टूबर 2026 की संध्या को रामलीला के मुख्य प्रसंग मेघनाथ वध, अहिरावण वध, कुंभकरण वध एवं रावण वध का मंचन हुआ। मंचन के दौरान ग्राम पंचायत प्रांगण में हजारों की संख्या में श्रद्धालु एवं दर्शक मौजूद रहे। पूरे कार्यक्रम का सीधा प्रसारण यूट्यूब चैनल के माध्यम से भी किया गया, जिससे दूर-दराज़ के लोग भी इस आयोजन का आनंद ले सके।
*रावण वध का धार्मिक महत्व बताया गया*
मंडली के अध्यक्ष माननीय हीराम साहू ने बताया कि रावण वध केवल एक युद्ध नहीं, बल्कि धर्म और अधर्म, मर्यादा और अहंकार के बीच का संघर्ष था। रावण द्वारा अपनी बहन शूर्पणखा के अपमान का प्रतिशोध लेने हेतु छलपूर्वक माता सीता का हरण किया गया, जिसके कारण श्रीराम को लंका पर चढ़ाई करनी पड़ी। अंततः रावण के वध से धर्म की स्थापना हुई और अधर्म का नाश हुआ।
*कलाकारों की शानदार प्रस्तुति*
आदर्श नवयुवक रामलीला मंडलियों एवं आकाशवाणी, दूरदर्शन के लोक कलाकारों द्वारा किए गए मंचन ने दर्शकों को भाव-विभोर कर दिया।
मुख्य पात्र इस प्रकार रहे:
राम – पंकज वर्मा
लक्ष्मण – हियत निषाद
हनुमान – छन्नूलाल साहू
सीता – प्रवीण साहू
अंगद – खोड़स राम
विभीषण – जीवनलाल वर्मा
जामवन्त – गजेंद्र विश्वकर्मा
भारत – निषाद
रावण – मेघनाथ विश्वकर्मा
अहिरावण – डॉ. किरीत कुमार साहू
सुग्रीव – बाबूलाल साहू
इसके अतिरिक्त भूपेंद्र धनेश्वर साहू, सोनपरी, दीपू सूडान, लव कुमार, भानु साहू जैसे बाल कलाकारों ने भी अपनी अदाकारी से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
*संगीत और मंच व्यवस्था*
संगीत पक्ष में हारमोनियम पर तिहारू राम साहू, तबला पर रामखेलावन निषाद, व्यास पर परदेसी राम निषाद सहित अनेक कलाकारों ने अपनी कला से कार्यक्रम को भक्ति और उत्साह से परिपूर्ण बना दिया।
ध्वनि व्यवस्था नवीन सुपर साउंड सिस्टम साहू एवं यश कुमार द्वारा की गई, जिसने मंचन को और भी प्रभावशाली बना दिया।
*भक्तिमय वातावरण में गूंजे जयघोष*
कार्यक्रम के समापन पर सम्पूर्ण प्रांगण “जय श्रीराम, जय हनुमान” और “रावण सरकार की जय” जैसे उद्घोषों से गूंज उठा। उपस्थित दर्शकों ने रामलीला समिति के प्रयासों की सराहना की और इसे ग्राम की सांस्कृतिक धरोहर बताया।
65 वर्षों से जारी परंपरा
ग्राम मुड़पार की यह रामलीला केवल धार्मिक आयोजन ही नहीं बल्कि सामाजिक एवं सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है। पिछले 65 वर्षों से लगातार आयोजित हो रहा यह महोत्सव ग्रामवासियों की आस्था, परंपरा और संस्कृति का जीवंत उदाहरण प्रस्तुत करता है।
--श्री रोहित वर्मा जी की खबर