*इसरो के साइंस एक्टीविस्ट के करकमलों से मिला राज्य अलंकरण आर्यभट्ट सम्मान : धर्मेंद्र कुमार श्रवण*

*इसरो के साइंस एक्टीविस्ट के करकमलों से मिला राज्य अलंकरण आर्यभट्ट सम्मान : धर्मेंद्र कुमार श्रवण*

*इसरो के साइंस एक्टीविस्ट के करकमलों से मिला राज्य अलंकरण आर्यभट्ट सम्मान : धर्मेंद्र कुमार श्रवण*
*इसरो के साइंस एक्टीविस्ट के करकमलों से मिला राज्य अलंकरण आर्यभट्ट सम्मान : धर्मेंद्र कुमार श्रवण* 
गणितीय खेलों के माध्यम से अवधारणाओं को बच्चों के मनोमस्तिष्क में उकेरने वाले और गणित अध्ययन अध्यापन के कला के जागृत करने वाले शिल्पकार व राज्यपाल व्याख्याता धर्मेंद्र कुमार श्रवण सेजेस खलारी ने गणित, विज्ञान व पर्यावरण क्लब में बच्चों के प्रति समर्पित होकर कर्मठता का परिचय देनेवाले श्रवण जी सहायक शिक्षण समाग्री व आसपास के परिवेश में देखी हुई गतिविधियों के माध्यम से बच्चों के दिमाग़ में बखूबी से वैज्ञानिकों दृष्टिकोणों को सृजन करने का प्रयास किया जाता है । गणितीय आकृतियों को चार्ट पेपर, हार्ड बोर्ड व इलेक्ट्रॉनिक युक्ति के माध्यम से अवधारणाओं को समझाने में सफलीभूत रहें। ‌उनका कहना जो पढ़ी जाती है वह दिमाग में 10 प्रतिशत सुरक्षित रहता है, सुनी हुई बात मनोमस्तिष्क में 20 प्रतिशत, देख कर कोई इवेंट 50 प्रतिशत,पर देखी और समझी हुई दोनों विधाओं की घटनाएं 70 प्रतिशत, परन्तु जो उपरोक्त घटनों का अमल करते हुए स्वयं करके या अवलोकन करके या प्रयोग करके सीखी गई बात जीवन भर तक याद रहता है और यही अविस्मरणीय लगभग सौ फीसदी बात जीवनपर्यंत याद रहता है। जो कभी भूली नहीं जाती है । ऐसी ही गणित विज्ञान व पर्यावरणकी अवधारणाओं को फिल्म प्रोजेक्टर के माध्यम से या स्वयं करके बच्चों में ज्ञान, जानकारी उपलब्ध कराता है, एकाग्रचित होकर जो बातें समझाई जाती है
*गणितीय अवधारणाओं की समझ मनोमस्तिष्क में तरो-ताजा करना जरूरी* हमेशा के लिए तरो-ताजा हो जाता है । उन्होंने गणित में माध्यमिक स्तर पर वृत्त से संबंधित त्रिज्या, ब्यास, जीवा, परिधि, केंद्र पर बने कोण, स्पर्श रेखाएँ जैसे मूलभूत संप्रत्ययों को सफलता पूर्वक समझाकर बच्चों में मॉडल के माध्यम से कबाड़ से जुगाड़ जैसी युक्ति से यह परिवेश पर देखी हुई वस्तुओं के चित्र को मनो मस्तिष्क पर प्रतिबिम्बत करते हुए तार्किक क्षमता, दक्षता व अन्वेषणात्मक योग्यता को दिमाग में स्थायित्व रूप प्रदान करने का कार्य किया है सचमुच चमत्कारिक है आज भी उनके द्वारा पढ़ाए हुए बच्चे जो जॉब या अपनी जीवकोपार्जन में लग गए हैं कभी मुलाकात हो जाती है तो वह स्मरण करते हैं और उस पर को याद करते हैं । इसी तरह लघुत्तम समापवतर्य, महत्त्तम समापवर्तक, घातांकी नियम, आलेख, द्विविमीय व त्रिविमीय ज्यामितीय आकृति से संबंधित मॉडल का निर्माण कर उनकी अवधारणाओं को बहुत ही बेहतरीन ढंग से समझाने में सफल रहे हैं जब श्रवण जी की क्लास लगती है बच्चे बहुत ही शांत भाव से चिंतन मिनन करते हैं और समझते हैं। 
*राज्य स्तरीय पश्चिम भारत गणित पर्यावरण विज्ञान मेला 2024 में प्रथम स्थान-*
राज्य स्तरीय गणित पर्यावरण विज्ञान प्रदर्शनी एवं पश्चिम भारत विज्ञान मेला अंबिकापुर 2024 एवं सूरजपुर 2019 में सहायक शिक्षक सामग्री के माध्यम से गणितीय अवधारणाओं को विशेष कर त्रिकोणमिति अनुपात का इलेक्ट्रॉनिक मॉडल व 1 से 100 तक के प्राकृत संख्याओं का जादूई अंकीय खेल से संबंधित परवर्ती व पूर्ववर्ती संख्या, भाज्य व अभाज्य संख्या, सम एवं विषम संख्या, पूर्ण वर्ग संख्या एवं बाएँ, हाथ के माध्यम से त्रिकोणमिति अनुपातों के मान निकालने का सफल सूत्र मंत्र, पाई के मान का बारिकी मापन, ऐसे तमाम घंटी सॉन्ग क्रियो से संबंधित जादू खेल जैसे अवधारणाओं को समझाने-बुझाने में कामयाबी रहे हैं। साथ ही आकर्षक वेशभूषा जो ड्राइंग शीट पर बनी हुई रंगीन कलाकारी कर गणित की संक्रिया की चिन्हांकित छाप कर उन्हें कुर्ता और शंक्वाकार टोपी पहनकर लोगों के बीच में अनुठी छाप छोड़ी। राज्य भर से आए हुए विभिन्न विधाओं को लेकर प्रदर्शनी कर रहे प्रतिभागियों के बीच एक अनुपम प्रदर्शन करने में सफल रहें। विज्ञान क्लब का प्रदर्शन में भी सहभागी तक उन्होंने परिचय दिया। इस तरह से बहुत ही सराहनीय पहल रहा और उनके गतिविधि को देखते हुए अतिथियों सासंद, विधायक कलेक्टर महोदय जी व उच्च अधिकारियों का मन मोह लिया और उनके कर जीमेल द्वारा आकर्षक प्रशिक्षित है प्रमाण पत्र व अन्य उपहार भेंट कर सम्मानित किया गया। 

*पर्यावरण के क्षेत्र में विज्ञान लघु विज्ञान लघु नाटिका तैयार कर वर्ष 2018 में जीते राष्ट्रीय पुरस्कार*

वर्ष 2018 में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खलारी के आठ उत्कृष्ट बच्चों को चयनित कर वृक्ष कल्याणम् जैसे लघु नाटिका तैयार कर बच्चों को धरती मैया, हवा, पानी, बिजली, पर्यावरण को बिगाड़ने व नाश करने वाले महामानव प्रदूषक जैसे पात्रों के भूमिका निभाने में सफल रहा। अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों का निर्वहन कर में सहभागिता पात्र-परिचय देने में सफल रहें । श्रवण जी एक निर्देशन के रूप में बच्चों में प्रस्तुतीकरण का बीजरोपित से लेकर के वृक्षों का संरक्षण एवं संवर्धन की महत्व, आवश्यकता, वृक्ष लगाना आप मानव जीवन के लिए चुनौतियांँ, जैसे कारकों पर प्रकाश डालने का एक बेहतरीन नाटकीय मंच तैयार कर लोगों को जन जागरूकता दिलाने में सफल रहा और मुंबई से महानगर में राष्ट्रीय पुरस्कार जीतकर छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया।

*एक पेड़ माँ के नाम का स्वयं नाटिका तैयार कर कला उत्सव में राज्य स्तरीय में बच्चों के द्वारा होगा प्रदर्शन*

कक्षा नवमीं के बाल कलाकारों द्वारा नवम्बर दिसम्बर 2025 में राज्य स्तरीय कला उत्सव में सहभागिता का परिचय देंगे
आज की जीवंत मिशन देश के यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी जी के द्वारा पर्यावरण दिवस पर की गई घोषणा के परिणाम स्वरूप *एक पेड़ मां के नाम* जैसे मिशन को सफल बनाने में धर्मेंद्र कुमार श्रवण जी के द्वारा उपरोक्त थीम पर बहुत ही एक ओर छत्तीसगढ़ के हसदो जंगल की कटाई और दूसरी ओर पूरे भारतवर्ष पर पेड़ लगाने की बात को लेकर एक सारगर्भित विचारों के साथ एक नाटिका तैयार किया गया और शालेय कला उत्सव 2025 में राज्य स्तरीय के लिए चयन हुआ । बाल कलाकारों को राजधानी जैसे मंचों पर शिरकत करने का यह सुनहरा अवसर होगा आदिवासी वनांचल क्षेत्र के बच्चे राजधानी का भी भ्रमण करेंगे और इसमें सभी बालिका ही प्रात्र है तथा बालिका शिक्षा को मंच प्रदान करने में भी सफल होंगे ।

*2015 में नेशनल साइंस इंस्पायर अवार्ड प्रदर्शनी मेला नई दिल्ली में प्रदर्शन*

 धर्मेंद्र कुमार श्रवण जी की मार्गदर्शन में प्रतिभागी बालक जितेन्द्र कुमार पटेल को प्रदर्शन करने का सौभाग्य मिला और राष्ट्रीय पुरस्कार जीत कर आदिवासी विकास खंड का नाम रोशन करने में सफल रहे। विज्ञान क्लब के माध्यम से भी प्रतियोगिता मंच कभी आवश्यक करता है और सभी बच्चों को उत्साहवर्धन हेतु आने वाले प्रतिभागी बच्चों को पुरस्कृत किया जाता है। इस तरह से श्रवण जी के मार्गदर्शन में मॉडल का प्रदर्शन हो चुका है। 
*सांस्कृतिक, सामाजिक, साहित्यिक, सामाजिक व धार्मिक क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्यों पर महती भूमिका* 
श्रवण जी के द्वारा अपने शैक्षिक कार्यकाल में बच्चों के प्रति आत्म समर्पित होकर कर्माठता का परिचय देने में कहीं कसूर नहीं छोड़ा है बल्कि बहुत ही लगन और मेहनत के साथ बच्चों की प्रतिभा को सँवारने का काम करता है। शैक्षणिक क्रियाकलाप में अग्रणी रहकर शैक्षणिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक, सामाजिक, धार्मिक व आध्यात्मिक प्रतिष्ठित संस्थानों से छत्तीसगढ़ के अतिरिक्त अन्य राज्यों में जैसे इंदौर व उज्जैन जैसे धार्मिक नगरी में उन्हें सम्मानित हुआ है। 

*आदिवासी विकासखंड के वनांचल विद्यार्थियों को राष्ट्रीय अविष्कार विज्ञान शैक्षणिक भ्रमण यात्रा का सुनहरा अवसर 2019*
जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला परियोजना अधिकारीके संरक्षण में नियुक्त नोडल अधिकारी श्रवण जी के निर्देशन‌ में विकास खंड डौंडी के प्रतिभावान बच्चों को राष्ट्रीय आविष्कार शैक्षणिक भ्रमण हेतु शासन के आदेशानुसार राष्ट्रीय स्तर पर राजधानी रायपुर में 28 राज्यों के विज्ञान प्रदर्शन का आनन्द आदिवासी अंचल के छात्र-छात्राओं को विज्ञान, गणित पर्यावरण प्रदर्शनी मेला पर जिला बालोद के डौंडी, डौंडी लोहारा, बालोद, गुरुर एवं गुंडरदेही सहित 200 से अधिक बच्चों को गणित विज्ञान मेला प्रदर्शन व‌ शैक्षणिक भ्रमण कराने का सौभाग्य मिला । 
इस प्रकार उनके उत्कृष्ट व उल्लेखनीय योगदान हेतु राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में राज्यपाल महामहिम रामेन डेका जी एवं मुख्यमंत्री एवं सामान्य विष्णु देव साय जी छत्तीसगढ़ शासन के कर कमलों द्वारा 2024 में सम्मानित किया गया। 
शैक्षिक व सह-शैक्षिक विधाओं में परंपरागत श्रवण जी बच्चों के प्रति आत्म समर्पित होकर राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में बच्चों के प्रतिभा को संँवारने का परिचय दिया है एक अनोखी पहल है। 
उपरोक्त अवधारणाओं को जीवनसाथी का प्रदान करते हुए उन्हें प्रतिष्ठित संस्थान प्रकृति शिक्षण विज्ञान यात्रा सौजन्य से मिलने से धमतरी जिला की प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन अकादमिक भवन कुरुद में राज्य अलंकरण सम्मान समारोह का आयोजन रखा गया जिसमें छत्तीसगढ़ के गणित एवं विज्ञान के 100 से उत्कृष्ट शिक्षकों को सम्मान किया गया जिसमें बालोद जिला के चार शिक्षकों में से धर्मेंद्र कुमार श्रवण को भी शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार , प्रकृति संरक्षण, विज्ञान प्रचार-प्रसार, स्वच्छता स्वास्थ्य, कला संस्कृति, समाज सेवा, महिला सशक्तिकरण, रुढ़िवादी, अंधविश्वास उन्मूलन, जन जागरूकता के क्षेत्र में लिखने योगदान प्रदान करने के क्षेत्र में मंच के मुख्य अतिथि डॉक्टर हित नारायण टंडन प्रोफेसर विज्ञान विभागाध्यक्ष संत गुरु घासीदास शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कुरूद, प्रकृति शिक्षक विज्ञान यात्रा के अध्यक्ष श्री अभिशेक शुक्ला के अध्यक्षता में विशेष अतिथि के रूप में विराजमान श्री नीरज वर्मा इसरो साइंस एक्टीविस्ट महाराष्ट्र, श्री नितिन कुमार पटेल अगस्त्या इंटरनेशनल फाउंडेशन भोपाल, श्री कालीदास नाकाड़े यंग कलाम साइंस सेंटर नागपुर, श्रीमती रश्मि वर्मा आर.के. साइंस सेंटर गोंदिया महाराष्ट्र, पद्म श्री शिल्पकार अजय मंडावी छत्तीसगढ़, श्री संजीव कुमार सूर्यवंशी राज्य प्रमुख नवाचारी शिक्षक गतिविधि समूह छत्तीसगढ़ एवं श्रीमती संध्या कुशल विज्ञान संचारिका बस्तर के कर कमलों द्वारा शैक्षणिक चेतनशीलता, रचनात्मकता तथा शिक्षक की गुणवत्ता व संवर्धन में उत्कृष्ट योगदान एवं उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए राज्य स्तरीय मानद् उपाधि 2025 का *सर्वोच्च अलंकरण आर्यभट्ट सम्मान* से अलंकृत किया गया। 
श्रवण जी की उपलब्धि पर संस्था के संस्था प्रमुख प्राचार्य श्रीमती एस जॉनसन, पदोन्नत प्राचार्य खूबचंद जी वर्मा, श्रीमती सरोज सिंह एवं रिबेका मड़के, डी. आर. चंद्रवंशी वरिष्ठ शिक्षक गोवर्धन सिंह कोर्राम, संजय कुमार खरे, डोमेंद्र सिंह राणा, व्यायाम अनुदेशक शिवराम वैद्य मनमोहन सिंह धाकड़, रवि कृष्णानी, जागेंद्र अमरिया, अजीत शिव‌तिवारी, विकास साहू, श्रीमती भारती देवी पाटिल श्रीमती भीमा देवी खोब्रागड़े, श्रीमती सरिता उर्वशी एवं यादव मैडम श्रीमती प्रियंका भट्ट, यामिनी साहू, सुनीता साहू एवं परशुराम धनेंद्र, साधु राम कृषाण, श्रीमती विद्या सोरी एवं संकुल परिवार के समस्त शिक्षक वृंद इसके इस उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त करते हुए शुभकामनाएंँ एवं बधाइयांँ संप्रेषित की है।

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