तिल्दा नेवरा
दिलीप वर्मा
*छत्तीसगढ़ में हाथकरघा विकास की वर्तमान स्थिति एवं आवश्यक सुधार देशभर के एक हजार बुनकरों का सम्मेलन*
दिनांक 23 एवं 24 अगस्त 2025, जैनम मानस भवन नवा रायपुर में
तिल्दा नेवरा निवासी आशा देवी साहू , रायपुर जिला के जिला अध्यक्ष , राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण फोरम, नरेंद्र मोदी विचार मंच जी , दास जी साहू _ प्रदेश महासचिव छत्तीसगढ़ एवं प्रदेश प्रभारी छत्तीसगढ़ प्रदेश एवं मध्यप्रदेश, डॉ राकेश दास जी मिश्रा, राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण फोरम , नरेंद्र मोदी विचार मंच ने एक संयुक्त विज्ञप्ति जारी कर बताया कि _ राज्य हाथकरघा बुनकर संघ का कार्य छत्तीसगढ़ राज्य के समस्त जिलों में हाथकरघा वस्त्र से संबंधित धागाकरण, कताई, बुनाई, छपाई, सिलाई प्रक्रिया उत्पादन क्रय करना, एकीकरण, भंडारण, विपणन कार्य, विकास वित्तीय प्रबंधन सभी स्व.सहायता समूह का संरक्षण एवं संवर्धन के साथ-साथ बुनकर व्यवसाय से जुड़े हुए परिवारों का आर्थिक उन्नयन करना प्रथम लक्ष्य है, इसके लिए सहकार सोसाइटियों का निर्माण करना, संबंधित जानकारी प्रदान करना, कच्चे सामग्री का निर्माण, उत्पादन, भंडारण, वितरण तथा उत्पादन केन्द्रों का विकास, संचालन करने हेतु भवन, गोदाम, प्लांट, मशीन, हाथकरघा उपकरण पर सरकारी नीतियों का अध्ययन करते हुए सरकारी अनुदान की राशि सरकार के द्वारा दिये जा रहे सुविधाओं के अनुसार संचालन, प्रबंधन का कार्य किया जाना चाहिए। वर्तमान में भंडारण के लिए 6 गोदाम किराये पर लिया गया है। मुख्य कार्यालय और गोदाम दोनों की किराए पर है जिस पर राशि 15883979.00 रूपये का व्यय हुआ है एवं कार्यालय हेतु जमीन लीज पर ली गई है उस पर 2039717.00 रूपये का व्यय हुआ है। वर्तमान वर्ष में बुनकर संघ की डेड स्टॉक की राशि1188752.00 रूपये है अर्थात् उपरोक्त राशि का समायोजन करने में बुनकर संघ जो पैसा बचा सकता है उस पर ध्यान नहीं दे रहा है। राज्य बुनकर संघ के लोगों को अनुभव की कमी व तकनीकी ज्ञान का अभाव है। राज्य बुनकर संघ में छत्तीसगढ़ सभी जिलों के कार्य का अनुपात में काफी असमानताएये है। राजनांदगांव में स्थापित बुनकर समितियों द्वारा विदेशो में निर्यात किये जाने वाला कपड़ा अब बंद हो गया है। बुनकर संघ द्वारा बुनकरों और कर्मचारियों को कहने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है लेकिन उनके अंदर नई तकनीकों को अभाव साफ दिखाई देता है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर के डिजाईनर और कार्यकुशलता छत्तीसगढ़ राज्य बुनकर संघ में केवल नाम मात्र का प्रशिक्षण किया जा रहा है। वर्तमान में राज्य बुनकर संघ द्वारा अर्द्धनिर्मित या निर्मित उत्पादों के लिए सिलाई व्यय 293442473.00 रूपये किया गया है, यहां यह बात उल्लेखनीय है कि बुनकर संघ के द्वारा राज्य के शासकीय स्कूलों में जो बच्चों के लिए जो गणवेश प्रदान किया गया है उसकी क्वालिटी बहुत ज्यादा खराब है इस बारे में समाचार पत्रों के माध्यम से कई बार शासन के संज्ञान में जानकारी लाई गई है। लेकिन इसकी क्वालिटी में गिरावट ही आई है। वर्तमान में बुनकर कर्मचारियों एवं सदस्यों को रखने के लिए रियायशी भवनों की योजना का क्रियान्वयन नहीं किया जा रहा है। संस्था के कर्मचारियों को ग्रेच्युटी फंड नीधि नहीं बनाया गया है जिससे संस्था के कर्मचारियों को ग्रेच्युटी फंड नहीं मिल रहा है। ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार निर्यात योग्य वस्तुओं का उत्पादन नहीं किया जा रहा है। आवश्यकतानुसार बीमा की राशि पर लगभग 13 लाख रूपये व्यय किया गया है। बुनकर संघ के द्वारा छत्तीसगढ़ में सिल्क एस्पो प्रदर्शिनी लगाने पर प्राप्त आय-व्यय का विस्तृत विवरण वार्षिक रिपोर्ट में नहीं प्रदान किया गया है। बुनकर समितियों को धागा इत्यादि खरीदने हेतु लगभग 18 लाख का अग्रिम भुगतान किया गया है। संस्था की कंबल यूनिट घाटे में चल रही है जबकि छत्तीसगढ़ सरकार से 50 लाख रुपये का अनुदान प्राप्त किया गया है। प्रदेश बुनकर सदस्यों को प्रतिभावान पुत्र-पुत्रियों को प्रोत्साहन पुरस्कार बुनकर सम्मान के रुप में लगभग 1 करोड़ रुपये का वितरण दिखाया है लेकिन कितने बच्चों और परिवारों को इसका लाभ हुआ है इसकी संख्या बताई नहीं गई है। वर्ष 2023-24 में बिक्री राशि 2,08,52,19,361.00 रुपये एवं जी.एस.टी./एस.जी.एस.टी. एवं आई.जी.एस.टी. राशि 10,42,65,819.00 रुपये लिया गया है। बिलासा हैण्डलूम एम्पोरियम राशि 1,97,86,072.00 रुपये काउन्टर बिक्री एवं जी.एस.टी./एस.जी.एस.टी. एवं आई.जी.एस.टी. राशि 10,34,992.00 रुपये लिया गया है। शासकीय विभागों को वस्त्रों/गणवेश एवं ड्रेस मटेरियल का विक्रय किया गया है। वर्ष 2023-24 में शासकीय कपड़ा बिक्री राशि 208 करोड़ रुपये है। पिछले 5 वर्षों से बुनकर संघ के टर्न ओवर 200 करोड़ रुपये का आसपास घूम रहा है, जिसमें प्रतिवर्ष कम से 25 प्रतिशत की वृद्धि की जा सकती है। बुनकर संघ के द्वारा सभी जिलों में समान रुप से कार्य करने की आवश्यकता है। स्वतंत्र स्वामित्व वाले शोध एवं विकास केन्द्र की स्थापना करना चाहिए। व्यवसाय के लिए आवश्यक होने पर विभिन्न सरकारी एवं अन्य संस्थाओं का अंश खरीदना आवश्यक होता है जिस पर संस्था के द्वारा 2023-24 में कोई भी अंश क्रय नहीं किया गया है। बुनकर संघ के द्वारा यार्न बैंक की स्थापना एवं संचालन करने के उद्देश्य में शामिल है लेकिन इस दिशा में कोई भी कार्य नहीं किया गया है। बुनकर संघ में कई उपकरण खराब या पुराने हो चुके है इसका संशोधन करना आवश्यक है।
छत्तीसगढ़ राज्य बुनकर सहकारी संघ की कार्य क्षमता 200 करोड़ से 500 करोड़ आसानी से बढ़ाई जा सकती है इसके िलए बुनकर संघ के लोगों को अनावश्यक खर्च को हटाना और शुद्धि, वृद्धि और समृद्धि के साथ आगे बढ़ने की आवश्यकता है। छत्तीसगढ़ राज्य बुनकर सहकारी संघ में 1920 स्व. सहायता समूह कार्यशील है और इसमें 300 समूह है जो कार्यशील नहीं है। बुनकर संघ द्वारा सभी शासकीय स्कूलों में शिक्षण सत्र के पूर्व सभी स्कूलों को दो-दो जोड़ी यूनिफार्म प्रदान किया जाना था, अभी तक केवल एक जोड़ी प्रदान किया गया है। प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र भाई मोदी जी ने महिलाओं को बुनकर समिति से जोड़ने की बात कही है, लेकिन इस योजना पर ठीक से अमल नहीं किया जा रहा है। माननीय श्री अमित शाह जी ने हर गांव में सहकारी समिति बनाने का लक्ष्य दिया है, लेकिन प्रदेश भर की बुनकर समितियों में पिछले 3 वर्षों से 23 हजार महिलाएं कार्य कर रही है, उनकी संख्या में बढ़ोतरी नहीं हुई है। बुनकर संघ में सहकारिता के माध्यम से धान खरीदी हेतु बारदाने की आवश्यकता को पूरा करने के लिए कदम उठाना चाहिए जिस पर बुनकर संघ का प्रयास शून्य है। जबकि छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा सैकडों रूपये के बारदाना बाहर से क्रय किया जा रहा है, यदि यह कार्य बुनकर संघ द्वारा किया जाता है तो कम से कम 25 हजार नई महिलाओं को रोजगार प्राप्त हो सकता है।