*अतिरिक्त टैरिफ भारत की आर्थिक संप्रभुता पर हमला - डॉ. प्रतीक उमरे*
दुर्ग नगर निगम के पूर्व एल्डरमैन भाजपा नेता डॉ. प्रतीक उमरे ने अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 25% अतिरिक्त टैरिफ को "अन्यायपूर्ण, एकतरफा और भारत की आर्थिक संप्रभुता पर हमला" करार दिया है।यह टैरिफ जो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारत के रूस के साथ व्यापारिक और रक्षा संबंधों विशेष रूप से रूसी तेल की खरीद के जवाब में लगाया गया है,भारतीय अर्थव्यवस्था और इसके वैश्विक व्यापार पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।डॉ. प्रतीक उमरे ने इस कदम को न केवल अनुचित बताया,बल्कि भारत जैसे स्वतंत्र और शक्तिशाली राष्ट्र को धमकाने की असफल कोशिश भी करार दिया।डॉ. प्रतीक उमरे ने कहा कि "अमेरिका का यह कदम भारत की आर्थिक स्वायत्तता और संप्रभुता के खिलाफ है।भारत एक ऐसा राष्ट्र है,जिसे कोई भी देश धमकाने की हिम्मत नहीं कर सकता।हमारी विदेश नीति और व्यापारिक निर्णय 1.4 अरब भारतीयों की जरूरतों और राष्ट्रीय हितों पर आधारित हैं।रूस से तेल खरीदना भारत की ऊर्जा सुरक्षा का हिस्सा है,जो पूरी तरह से वैश्विक नियमों और मूल्य सीमा के अनुरूप है। अमेरिका का यह टैरिफ लगाना न केवल अन्यायपूर्ण है,बल्कि यह विश्व व्यापार संगठन के सिद्धांतों का भी उल्लंघन करता है।"उन्होंने आगे जोर देकर कहा, "भारत कोई कमजोर राष्ट्र नहीं है।हमारी सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगी।अमेरिका को यह समझना होगा कि भारत अपनी संप्रभुता और स्वतंत्र विदेश नीति पर कोई समझौता नहीं करेगा।कोई भी देश हमें दबाव में नहीं ला सकता।
*पारस्परिक टैरिफ की मांग*
डॉ. प्रतीक उमरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि अमेरिका के इस कदम का जवाब देने के लिए अमेरिकी सामानों पर पारस्परिक टैरिफ लगाए जाएं।उन्होंने कहा,"जब अमेरिका भारत के निर्यात पर अनुचित टैरिफ थोप रहा है तो भारत को भी अपने हितों की रक्षा के लिए कड़ा कदम उठाना चाहिए।हमें अमेरिकी वस्तुओं, जैसे कि कृषि उत्पाद,प्रौद्योगिकी और अन्य आयातों पर समान टैरिफ लगाने पर विचार करना चाहिए।यह न केवल हमारी अर्थव्यवस्था की रक्षा करेगा,बल्कि यह वैश्विक मंच पर भारत के दृढ़ रुख को भी प्रदर्शित करेगा।
*अमेरिका के दोहरे मापदंड पर सवाल*
डॉ. प्रतीक उमरे ने अमेरिका पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया।उन्होंने कहा,"यूरोपीय संघ और चीन जैसे अन्य देश भी रूस से ऊर्जा आयात करते हैं लेकिन अमेरिका ने केवल भारत को निशाना बनाया है।यह एक सुनियोजित रणनीति है,जो भारत की बढ़ती वैश्विक ताकत को कमजोर करने का प्रयास प्रतीत होती है। भारत की ऊर्जा नीति और रूस के साथ व्यापार पूरी तरह से पारदर्शी और वैश्विक नियमों के अनुरूप है फिर भी भारत को दंडित करने का यह प्रयास अस्वीकार्य है।
भवदीय
डॉ. प्रतीक उमरे
पूर्व एल्डरमैन
नगर निगम दुर्ग।