तिल्दा के शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय तिल्दा बस्ती में सफाई कर्मी नियुक्ति में मनमानी का आरोप प्रधान अध्यापिका सवालों के घेरे में।
तिल्दा नेवरा।
दिलीप वर्मा।
तिल्दा के शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय तिल्दा बस्ती में सफाई कर्मी नियुक्ति में मनमानी का आरोप प्रधान अध्यापिका सवालों के घेरे में।
मां मावली माता मंदिर तिल्दा बस्ती के सामने स्थित शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय में सफाई कर्मी की नियुक्ति मामले में स्कूल की प्रधान अध्यापिका और एक शिक्षक के ऊपर मनमानी का आरोप लगाया गया है।
बताया गया कि यहां पदस्थ एक महिला सफाई कर्मी की आकस्मिक निधन हो गई, निधन के कुछ दिनों बाद ही स्कूल की प्रधान अध्यापिका भुवनेश्वरी वर्मा ने महिला के परिजनों को फोन कर पूछी की घर के कोई सदस्य यहां उक्त पद पर कार्य करेंगे का क्या जहां पर घर के सदस्यों ने हामी भरी कि हां घर के कोई ना कोई सदस्य उस पद पर वहां पर कार्य करेंगे जहां प्रधान अध्यापिका द्वारा मृत्यु प्रमाण पत्र जमा करने कहा गया जहां उसे बताया गया कि अभी तीन-चार दिन ही निधन हुए हुआ है आप भी जन रहे है ,मृत्यु प्रमाण पत्र बनने में थोड़ा समय तो लगेगा एवं दशगात्र कार्यक्रम के बाद जमा जाएगी, इस बीच स्कूल की प्रधान अध्यापिका ने आनन फानन में सफाई कर्मी की आवश्यकता का पाम्पलेट निकलवा कर स्कूल में चस्पा करवा दी एवं मृतिका सफाई कर्मचारी के परिजन जब इस बात की जानकारी के लिए प्रधानाध्यापिका से पूछे तो वह गोल-गोल जवाब देने लगी, साथ ही 15 अगस्त जन्माष्टमी की छुट्टी के बाद 17 अगस्त सोमवार को उक्त प्रधान अध्यापिका द्वारा आनन फानन में नवनियुक्त जन भागीदारी समिति की बैठक बुलवा ली और सफाई कर्मचारी के आए लगभग 5 से 6 आवेदन पत्रों को रखकर उनके बीच से चिट निकालना फरमान जारी कर दी, जब उनसे कहा गया की जब मृतका सफाई कर्मचारी की सुपुत्री उक्त कार्य करने सहमति दी है तो ऐसे में दूसरों से क्यों आवेदन लिया गया,
साथ ही सबसे बड़ा सवाल यह है कि अभी सफाई कर्मचारियों का हड़ताल चल रहा है, और ऐसे में इतनी क्या जल्दबाजी हो गई कि उक्त प्रधान अध्यापिका को हड़ताल के बावजूद सफाई कर्मचारी नियुक्ति की पहल करनी पड़ी ।
नवनियुक्त जन भागीदारी समिति के अध्यक्ष सदस्यों के समक्ष चिट निकालकर सफाई कर्मी की भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ कर दी, जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने बैठक में सभी के सामने यह भी बोली की उक्त नियुक्ति का अधिकार प्रधान अध्यापिका को है ।
इसके बाद प्रक्रिया पूरी कर ली गई वहीं इसमें स्कूल के एक शिक्षक की भूमिका पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं ।
नवनियुक्त जनभागीदारी समिति से उन्होंने रजिस्टर पर दस्तखत भी ले लिए।
अब सवाल यह उठता है कि जब सफाई कर्मचारियों की हड़ताल जारी है तो इतनी क्या जल्दबाजी हो गई और किस आधार पर प्रधान अध्यापिका भुनेश्वरी वर्मा को मनमानी नियुक्ति प्रक्रिया करनी पड़ी।
इसकी शिकायत विकासखंड शिक्षा अधिकारी तिल्दा नेवरा से भी की गई है। विकासखंड शिक्षा अधिकारी दास जी ने कहा कि मामले को दिखवाता हूं।