*ग्राम मुड़पार में तुलसीदास जयंती के अवसर पर संगीतमय रामायण पाठ*

*ग्राम मुड़पार में तुलसीदास जयंती के अवसर पर संगीतमय रामायण पाठ*

*ग्राम मुड़पार में तुलसीदास जयंती के अवसर पर संगीतमय रामायण पाठ*
*ग्राम मुड़पार में तुलसीदास जयंती के अवसर पर संगीतमय रामायण पाठ*

*जिनके मन और कलम में बसते हैं श्रीराम :- डॉ मोहन वर्मा*
*खरोरा* हिरमी के समीप ग्राम मुड़पार में तुलसीदास जयंती के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में, ग्रामवासियों ने गोस्वामी तुलसीदास जी की जयंती मनाई और रामचरितमानस का संगीतमय पाठ किया। इस विशेष अवसर पर, ग्राम मुड़पार के निवासियों व अतिथियों ने ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजाअर्चना दीप प्रज्वलित कर तुलसीदास जी की जयंती मनाई और रामचरितमानस का संगीतमय पाठ करके उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की lइस कार्यक्रम में पधारे मुख्य अतिथि महिला आयोग के सदस्य पूर्व जिला पंचायत रायपुर के अध्यक्ष लक्ष्मी वर्मा, अध्यक्षता डाँ मोहन लाल वर्मा सभापति उद्योग एवं सहाकारिता समिति जिला पंचायत बलौदाबाजार, विशिष्ट अतिथि ब बा के पूर्व विधायक लक्ष्मी बघेल, भारतीय जनता पार्टी बलौदा बाजार के जिला अध्यक्ष आनंद यादव, जनपद पंचायत सिमगा मुख्य कार्यपालन अधिकारी अमित दुबे, जनपद पंचायत सिमगा के जनपद अध्यक्ष दौलत पाल जी जनपद उपाध्यक्ष, गोपाल शुक्ला जी गाँव के प्रथम नागरिक मूडपार सरपंच श्रीमती निर्मला किरीत निषाद, पूर्व जिला पंचायत सदस्य डॉ कुशल वर्मा,किसान मोर्चा के अध्यक्ष द्वारिका वर्मा,अंतर्राष्ट्रीय रामायण कलाकार श्रीमती वीणा साहू जिला मानस संघ के संस्थापक माननीय,पुहुप राम यदु, अनिल बघेल,एम डी वैष्णव, सालिक राम वर्मा, प्रभा ध्रुव, मणि सिह ठाकुर, लीलू राम मरावी, राजेश दास मानिकपुरी थे l डाँ मोहन लाल वर्मा नें तुलसीदास जी को नमन करते हुये कहा तुलसीदास जी ने अपने जीवन को भगवान श्रीराम की भक्ति में समर्पित कर दिया। वे सगुण रामभक्ति के प्रमुख स्तंभ माने जाते हैं। मान्यता है कि भगवान शिव और माता पार्वती के आशीर्वाद से उन्हें राम दर्शन की अनुभूति हुई। उन्होंने भक्ति को जीवन की सबसे बड़ी साधना माना और अपने लेखन से लोगों को उस पथ पर चलने की प्रेरणा दी। उनकी भक्ति ने उन्हें एक साधारण कवि से संत बना दिया।उन्होने कहा रामचरितमानस’ गोस्वामी तुलसीदास जी की कालजयी रचना है। यह वाल्मीकि रामायण का सरल और सरस हिंदी रूपांतरण है, जिसे उन्होंने अवधि भाषा में लिखा ताकि साधारण जन भी भगवान राम की लीलाओं को समझ सकें। यह ग्रंथ भक्ति, मर्यादा, धर्म, प्रेम, त्याग और आदर्श जीवन का अद्भुत संगम है। श्रीराम का आदर्श चरित्र आज भी करोड़ों लोगों के जीवन का पथदर्शक है। सभी अतिथियों ने बाबा गोस्वामी जी की जीवन की बखान किया l गांव के समस्त ग्रामवासी जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक कथा श्रवण कर बाबा तुलसीदास जी को श्रध्दासुमन अर्पित किया l

 श्री रोहित वर्मा की खबर

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