*जिला सहकारी बैंक के वेतनमान के निर्धारण एवं स्वीकृति पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने लिया संज्ञान*

*जिला सहकारी बैंक के वेतनमान के निर्धारण एवं स्वीकृति पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने लिया संज्ञान*

*जिला सहकारी बैंक के वेतनमान के निर्धारण एवं स्वीकृति पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने लिया संज्ञान*
*जिला सहकारी बैंक के वेतनमान के निर्धारण एवं स्वीकृति पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने लिया संज्ञान*
दुर्ग नगर निगम के भाजपा के पूर्व एल्डरमैन डॉ. प्रतीक उमरे ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित दुर्ग के कर्मचारियों को दिए जा रहे प्राइस इंडेक्स वेतनमान अंतर्गत पुनरक्षित वेतनमान के निर्धारण एवं स्वीकृति का आग्रह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से किया था जिसपर पीएमओ ने तत्काल संज्ञान लेते हुए विषय पर कार्यवाही हेतु प्रधानमंत्री कार्यालय के अवर सचिव मुकुल दीक्षित को अग्रेषित किया है।डॉ. प्रतीक उमरे ने बताया कि जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों के नवीन वेतनमान पुनरीक्षण नियम 1988 में दिए गए प्रावधान अनुसार पंजीयक कार्यालय द्वारा कर्मचारियों को लागू सेवा नियम मे नवीन वेतन पुनरीक्षण नियमों के आधार पर पुराने वेतनमानों के पुनरीक्षण/संशोधन करने की संचालक मंडल को दिए गए अधिकार व चार्टेड एकाउंटेंट/विधि सलाहकार व वेतनमान निर्धारण अंतर्गत गठित कमेटी के अनुशंसा के परिपेक्ष्य में संचालक मंडल की स्वीकृति एवं बैंक की वार्षिक साधारण आमसभा के अनुमोदन पश्चात बैंक कर्मचारियों को दिए जानें वाले प्राइस इंडेक्स वेतनमान का निर्धारण उचित मापदंडों के आधार पर स्वीकृत किया गया था जो बैंक स्तर पर 2013 से लागू है।बैंक प्रबंधन एवं जिला सहकारी केंद्रीय बैंक कर्मचारी संघ दुर्ग के के बीच हुए समझौते के आधार पर उक्त वेतनमान का पुनर्निर्धारण होना वर्तमान में शेष है।जिसे पूर्व मुख्यमंत्री भुपेश बघेल द्वारा निजी दुर्भावना को साधने द्वेषपूर्वक 1 जनवरी 2023 से लंबित कर रोका गया था एवं बिना किसी ठोस आधार के जांच बैठाया गया था।वेतनमान पुनर्निर्धारण की स्वीकृति आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक,सहकारी संस्थाएं छत्तीसगढ़,नवा रायपुर (छ.ग)से प्राप्त होनी है,जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित दुर्ग की आर्थिक स्थिति मजबूत है तथा बैंक प्रबंधन की भी स्वीकृति है तथा इसका भार भी सरकार पर नही पड़ेगा उसके बावजूद इसे लंबित रखना कर्मचारियों के हित के साथ खिलवाड़ है तथा बिल्कुल भी न्यायोचित नहीं है क्योंकि छत्तीसगढ़ शासन की विभिन्न महत्वपूर्ण योजनाओं धान खरीदी,फसल बीमा योजना,प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि,महतारी वंदन योजना इत्यादि का सफलता पूर्वक संचालन बैंक स्तर पर कर्मचारियों के माध्यम से समयावधि में संपादित किया जाता है।जबकि बैंक कर्मचारियों को दिए जा रहे प्राइस इंडेक्स वेतनमान के लाभ का वित्तीय भार भी छत्तीसगढ़ शासन पर नही पड़ता है।भारत सरकार द्वारा भी राष्ट्रीयकृत बैंक कर्मचारियों के वेतनमान का पुनर्निर्धारण कर उनके वेतनमान में 17% की वृद्धि किया गया है जबकि जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित दुर्ग के कर्मचारी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की निजी दुर्भावना की राजनीति का शिकार होकर उक्त लाभ से 1 जनवरी 2023 से वंचित है जिसकी वजह से बैंक कर्मचारियों मे भारी रोष व्याप्त है।नवीन सेवा नियम 15/3/23 को आधार बनाकर इस विषय को लटका कर रखा गया था।जिसे भी उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा खारिज कर दिया गया है।इसलिए डॉ. प्रतीक उमरे ने आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक,सहकारी संस्थाएं छत्तीसगढ़,नवा रायपुर को वेतनमान पुनर्निर्धारण की स्वीकृति हेतु आदेशित करने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है।

भवदीय 
डॉ. प्रतीक उमरे
पूर्व एल्डरमैन 
नगर निगम दुर्ग।

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