*देश के विकास में बुनकरों का योगदान महत्वपूर्ण, हथकरघा ने स्वदेशी आंदोलन को गति दी : तारणी पुष्पेंद्र चंद्राकर*
*देश के विकास में बुनकरों का योगदान महत्वपूर्ण, हथकरघा ने स्वदेशी आंदोलन को गति दी : तारणी पुष्पेंद्र चंद्राकर*
*बालोद :-* राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के अवसर पर बालोद जिले के गुंडरदेही विकासखंड अंतर्गत ग्राम नाहंदा में गुरु घासीदास महिला बुनकर सहकारी समिति द्वारा राष्ट्रीय हथकरघा दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जिला पंचायत बालोद की अध्यक्ष तारणी पुष्पेंद्र चंद्राकर, विशिष्ट अतिथि के रूप में सरपंच महेंद्र सोनकर, महेंद्र साहू, गणेश देवांगन पूर्व सरपंच एवं समिति प्रबंधक, सोहद्रा देवांगन बुनकर समिति अध्यक्ष, उपसरपंच महेश्वरी चतुर्वेदी आदि शामिल हुए। मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष तारणी पुष्पेंद्र चंद्राकर ने हथकरघा दिवस पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में हथकरघा उद्योग के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से जुलाई 2015 में 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस घोषित किया था। 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के रूप में स्वदेशी आंदोलन की स्मृति में चुना गया था, जो 1905 में इसी दिन कलकत्ता टाउन हॉल में ब्रिटिश सरकार द्वारा बंगाल विभाजन के विरोध में शुरू किया गया था। इस आंदोलन का उद्देश्य घरेलू उत्पादों और उत्पादन प्रक्रियाओं को पुनर्जीवित करना था। केंद्र की नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में सरकार बुनकरों को सशक्त बनाकर आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम बढ़ा रही है। हथकरघा क्षेत्र देश की गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक और आजीविका का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। यह क्षेत्र महिला सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि 70% से अधिक हथकरघा बुनकर और संबद्ध श्रमिक महिलाएँ हैं। राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में हथकरघा के योगदान को उजागर करना तथा बुनकरों की आय में वृद्धि करना है। गुरु घासीदास महिला बुनकर समिति भी हथकरघा की योजनाओं के माध्यम से आत्मनिर्भर बनें तथा प्रदेश व देश के विकास में अपना योगदान दें। इस दौरान कार्यक्रम में पूर्व जिला पंचायत सदस्य पुष्पेंद्र चंद्राकर, समिति के सदस्यगण अनुराधा टंडन, उर्मिला सिन्हा, कौशल्या, भागेश्वरी निषाद, संतोषी टंडन आदि सहित ग्रामीणजन उपस्थित रहे।