*संख्याओं का खेल एवं आंकड़ों को व्यवस्थित करना : गणित प्रशिक्षण का पंचम एवं अंतिम दिवस गणेश वंदना के साथ संपन्न*
*संख्याओं का खेल एवं आंकड़ों को व्यवस्थित करना : गणित प्रशिक्षण का पंचम एवं अंतिम दिवस गणेश वंदना के साथ संपन्न*
कार्मल पब्लिक स्कूल तुलसी तिल्दा में 20 अगस्त से प्रारंभ हुए पांच दिवसीय गणित प्रशिक्षण का पांचवां और अंतिम दिन भी शिक्षकों के लिए अत्यंत ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायी सिद्ध हुआ। इस दिवस का शुभारंभ गणेश वंदना के साथ हुआ, जिसने पूरे कार्यक्रम को एक पावन और उत्साहपूर्ण वातावरण प्रदान किया। इस अंतिम दिवस में शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला छड़िया के प्रधान पाठक धीरेन्द्र कुमार वर्मा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हम संख्याओं का प्रयोग विभिन्न संदर्भों और विभिन्न तरीकों से अपने जीवन को व्यवस्थित करने में करते हैं। हमने संख्याओं का प्रयोग गिनने में किया तथा उन संख्याओं पर आधारित बुनियादी क्रियाओं जैसे जोड़ना, घटाना, गुणा तथा भाग का उपयोग करते हुए दैनिक जीवन की संख्याओं से संबंधित समस्याओं को हल करने में किया। मिडिल स्कूल पचरी के शिक्षक दिनेश कुमार साहू ने कहा कि समूहगत गतिविधियों ने गणितीय विषयों को और भी सरल व रोचक बनाया। बरडीह के शिक्षक विशेषर वर्मा ने बताया कि गणित को मनोरंजक शैली में प्रस्तुत करने से बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ता है। इस अवसर पर ब्लॉक अध्यक्ष गोपाल वर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ के पारंपरिक तीजा पर्व के बीच भी महिला शिक्षिकाएं दुर्गावती वर्मा, शैल वर्मा, बरखा वर्मा, दीप्ति साहू, सुलोचना देवांगन, सीमा वर्मा, मधु वर्मा, सोनमति तिर्की, कंचन जलसो, सीता कश्यप, हेमलता वर्मा, पद्मिनी कत्लम एवं माधुरी कश्यप आदि ने उत्साहपूर्वक इस प्रशिक्षण में सम्मिलित हुईं, जो उनके समर्पण और सीखने की ललक को दर्शाता है। इसी प्रकार शिक्षक रोशन वर्मा, कृष्ण कुमार साहू, नरेंद्र कुमार साहू, विष्णु प्रसाद देवांगन, घनाराम यादव, नरेंद्र प्रताप गुप्ता एवं देवेंद्र बर्मन ने भी सक्रिय भागीदारी निभाते हुए गणितीय अवधारणाओं को गहराई से समझने और कक्षा-कक्ष में उतारने का संकल्प लिया।कार्यक्रम नोडल प्रभारी कौशल वर्मा ने प्रशिक्षण को सतत अधिगम की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए इसकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला। प्रशिक्षकगण विवेक सोनी, अनिल निर्मलकर, निर्मल साहू एवं चित्रसेन वर्मा ने शिक्षकों को सममिति और संख्याओं की अवधारणाओं को गतिविधियों व उदाहरणों के माध्यम से रोचक ढंग से समझाया। अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के प्रभारी तरुण देवांगन ने कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण से शिक्षण पद्धतियों में नवाचार आता है, जो बच्चों की सीखने की प्रक्रिया को प्रभावी एवं आनंददायी बनाता है। अंत में धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए आयोजक मंडल ने, जिसमें विकासखंड स्त्रोत समन्वयक संतोष शर्मा की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही, सभी प्रशिक्षकों, शिक्षकों और विशेष रूप से महिला शिक्षिकाओं के समर्पण की सराहना की तथा आशा व्यक्त की कि भविष्य में भी ऐसे प्रशिक्षण निरंतर आयोजित होते रहेंगे, ताकि शिक्षा की गुणवत्ता में सतत सुधार हो सके।