*बिजली दरों में वृद्धि का उद्देश्य राजस्व घाटे को कम करना और निर्बाध बिजली आपूर्ति बनाए रखना - डॉ. प्रतीक उमरे*

*बिजली दरों में वृद्धि का उद्देश्य राजस्व घाटे को कम करना और निर्बाध बिजली आपूर्ति बनाए रखना - डॉ. प्रतीक उमरे*

*बिजली दरों में वृद्धि का उद्देश्य राजस्व घाटे को कम करना और निर्बाध बिजली आपूर्ति बनाए रखना - डॉ. प्रतीक उमरे*

*बिजली दरों में वृद्धि का उद्देश्य राजस्व घाटे को कम करना और निर्बाध बिजली आपूर्ति बनाए रखना - डॉ. प्रतीक उमरे*

दुर्ग नगर निगम के पूर्व एल्डरमैन भाजपा नेता डॉ. प्रतीक उमरे ने कहा कि विष्णु देव साय की सरकार जनता की भलाई और राज्य के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है।छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बिजली दरों में औसतन 1.89% की नाममात्र वृद्धि को मंजूरी दी गई है,जो उपभोक्ताओं की सुविधा और बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक थी।यह वृद्धि न्यूनतम और संतुलित है, जिसका उद्देश्य बिजली कंपनियों के राजस्व घाटे को कम करना और निर्बाध बिजली आपूर्ति बनाए रखना है।उन्होंने बताया कि बिजली दरों में वृद्धि का किसानों और गरीब वर्ग पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा।कृषि पंपों के लिए 50 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी।साथ ही, "हाफ बिजली बिल योजना" के तहत गरीब और मध्यम वर्ग के उपभोक्ताओं को निरंतर राहत प्रदान की जा रही है।घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरों में मात्र 10 से 20 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है, जो अन्य राज्यों की तुलना में काफी कम है।यह सुनिश्चित करता है कि आम जनता पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ न्यूनतम रहे।यह मामूली वृद्धि बिजली कंपनियों के 4900 करोड़ रुपये के वित्तीय घाटे को कम करने में मदद करेगी,जिससे बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता और उपलब्धता में सुधार होगा।भारतीय जनता पार्टी की सरकार उपभोक्ताओं की सुविधा,पर्यावरण संरक्षण और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।यह निर्णय जनहित में और राज्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए लिया गया है।उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि बिजली दरों पर विरोध उनके दोहरे चरित्र को दर्शाता है क्योंकि कांग्रेस के कार्यकाल में बिजली दरों में दो बार वृद्धि किया गया था।

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