चिटफंड कंपनियों की संपत्तियों की पहचान और नीलामी की प्रक्रिया को तेज किया जाए - डॉ. प्रतीक उमरे
दुर्ग नगर निगम के पूर्व एल्डरमैन भाजपा नेता डॉ. प्रतीक उमरे ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से चिटफंड कंपनियों में डूबी निवेशकों की
पीड़ा को समझते हुए उनकी डूबी हुई राशि को वापस दिलाने के लिए ठोस और त्वरित कदम उठाने का आग्रह किया है।पूर्व एल्डरमैन डॉ. प्रतीक उमरे ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने चिटफंड कंपनियों द्वारा निवेशकों से ठगा गया पैसा वापस दिलाने का वादा किया था,लेकिन उसे पूरा नहीं किया।भारतीय जनता पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में चिटफंड पीड़ितों को उनकी राशि वापस दिलाने का वादा किया था,जिससे निवेशकों में उम्मीद बची हुई है।केंद्र सरकार द्वारा लागू अविनियमित निक्षेप स्कीम पाबंदी अधिनियम 2019 के तहत चिटफंड कंपनियों की संपत्ति कुर्क कर निवेशकों को राशि वापस दिलाने की प्रक्रिया को और प्रभावी करने की आवश्यकता है।चिटफंड कंपनियों की संपत्तियों की पहचान और नीलामी की प्रक्रिया को तेज किया जाए ताकि निवेशकों को उनकी राशि शीघ्र वापस मिल सके।चिटफंड कंपनियों में निवेश करने के बाद कई लोगों ने अपना पैसा खो दिया है।इस संबंध में अब तक समुचित कार्रवाई नहीं की गई है।प्रदेश के लाखों निवेशकों के पैसा को लेकर चिटफंड कंपनियां फरार हो गई हैं।ये निवेशक,जिनमें अधिकांश सामान्य और गरीब परिवारों से हैं,अपनी बेटियों की शादी,बच्चों की शिक्षा,मकान निर्माण और बुढ़ापे के खर्च के लिए बचत के रूप में यह राशि जमा किए थे।लेकिन चिटफंड कंपनियों के धोखाधड़ी के कारण उनकी मेहनत की कमाई डूब गई,जिससे उनके परिवार आर्थिक और मानसिक संकट में हैं।चिटफंड कंपनियों ने करोड़ों रुपए का गोलमाल करके अपना बोरिया बिस्तर समेट लिया।ठगी करने वाली चिटफंड कंपनियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करना आवश्यक है।ठगी करने वाली चिटफंड कंपनियों की सम्पत्तियों को कुर्क कर निवेशकों को राशि वापस की जानी चाहिए।चिटफंड कंपनियों ने छत्तीसगढ़ में भोले-भाले लोगों को लालच देकर जीवनभर की कमाई लूट ली है।ठगी करके लोगों के खून-पसीने की कमाई लूटने वाली चिटफंड कंपनियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए।चिटफंड कंपनियों पर कठोर कानूनी कार्यवाही किया जाए और निवेशकों के पैसे लौटाए जाएं।पूर्व एल्डरमैन ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया की चिटफंड कंपनियों से निवेशकों की राशि लौटाने विस्तृत कार्ययोजना बनाए और इस पर अमल के लिए समय सीमा तय करें तथा अधिकारियों को निर्देशित कर जल्द ही विधिक कार्रवाई को पूरी कराएं ताकि पीड़ित निवेशकों के पैसे वापस मिल सकें।