श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर रजोली में भाजपा कार्यकर्ताओं ने किया नमन, आदर्शों पर चलने का लिया संकल्प
श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर रजोली में भाजपा कार्यकर्ताओं ने किया नमन, आदर्शों पर चलने का लिया संकल्प
(बालोद)।
ग्राम पंचायत रजोली में भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर बूथ स्तर पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में पूर्व जिला पंचायत सदस्य पुष्पेन्द्र चंद्राकर, सरपंच त्रयोदय, मंत्री मंडल गुंडरदेही के मिलन साहू, बूथ अध्यक्ष गोरे सिन्हा, देवनारायण सिन्हा, बुधियार साहू सहित भाजपा कार्यकर्ता और ग्रामीणजन उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन के साथ की गई। उपस्थित जनों ने दो मिनट का मौन रखकर उनके बलिदान को नमन किया। वक्ताओं ने डॉ. मुखर्जी के विचारों, राष्ट्रीय एकता के प्रति उनके समर्पण और कश्मीर मुद्दे पर उनके ऐतिहासिक संघर्ष को याद किया।
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का संक्षिप्त जीवन परिचय
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई 1901 को कोलकाता में हुआ था। वे प्रख्यात शिक्षाविद, वकील, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और दूरदर्शी नेता थे। उन्होंने 1951 में भारतीय जनसंघ की स्थापना की, जो आगे चलकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का आधार बना।
कश्मीर में "एक देश में दो विधान, दो निशान, दो प्रधान नहीं चलेंगे" के नारे के साथ उन्होंने धारा 370 का विरोध किया और उसके विरोध में 1953 में गिरफ्तारी दी। रहस्यमयी परिस्थियों में 23 जून 1953 को जम्मू-कश्मीर में ही उनकी मृत्यु हो गई।
कार्यक्रम में क्या हुआ?
सभा में कार्यकर्ताओं ने डॉ. मुखर्जी के सिद्धांतों को आत्मसात करने और राष्ट्रहित में काम करने का संकल्प लिया।
पूर्व जिला पंचायत सदस्य पुष्पेंद्र चंद्राकर ने अपने संबोधन में कहा— "डॉ. मुखर्जी का बलिदान हमें यह याद दिलाता है कि राष्ट्रहित सर्वोपरि है। भाजपा के प्रत्येक कार्यकर्ता को उनके सिद्धांतों और विचारों से प्रेरणा लेनी चाहिए। आज जब देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' की ओर बढ़ रहा है, तब डॉ. मुखर्जी की सोच और भी प्रासंगिक हो गई है।"
उन्होंने युवाओं को आह्वान किया कि वे राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएं और विचारों की दृढ़ता तथा सच्चे लोकतंत्र की भावना को बनाए रखें।
भाजपा कार्यकर्ताओं में जोश
सभा में उपस्थित बूथ अध्यक्ष गोरे सिन्हा, सरपंच त्रयोदय, देवनारायण सिन्हा व अन्य ने भी डॉ. मुखर्जी के योगदान को याद करते हुए कहा कि उनके बलिदान को न भूला जा सकता है, न ही भुलाया जाना चाहिए।
कार्यक्रम का संचालन मिलन साहू ने किया और अंत में सभी ने राष्ट्रगान गाकर कार्यक्रम का समापन किया।