पुलिस थानों में साइबर क्राइम के लिए अलग डिवीज़न बनाएं - डॉ. प्रतीक उमरे

पुलिस थानों में साइबर क्राइम के लिए अलग डिवीज़न बनाएं - डॉ. प्रतीक उमरे

पुलिस थानों में साइबर क्राइम के लिए अलग डिवीज़न बनाएं - डॉ. प्रतीक उमरे

पुलिस थानों में साइबर क्राइम के लिए अलग डिवीज़न बनाएं - डॉ. प्रतीक उमरे


दुर्ग नगर निगम के पूर्व एल्डरमैन भाजपा नेता डॉ. प्रतीक उमरे ने गृहमंत्री विजय शर्मा से प्रदेश के सभी पुलिस थानों में साइबर क्राइम के लिए अलग डिवीज़न बनाने का आग्रह किया है,उन्होंने बताया कि प्रदेश में साइबर अपराध की बढ़ती घटनाओं को ध्यान में रखते हुए सभी थानों में साइबर क्राइम डिवीज़न खुलने से लोगों की जेब की सुरक्षा बढ़ेगी और ठगी के शिकार होने वाले पीड़ित आसानी से प्राथमिकी दर्ज करा सकेंगे, साइबर क्राइम के मामलों की विवेचना में तेजी आने से साइबर अपराध को अंजाम देने वाले पुलिस की नजरों से नहीं बच पाएंगे,प्रदेश में साइबर अपराध के बढ़ते मामले और पुलिस थानों में दर्ज होने वाले केस की विवेचना समय पर नहीं होने के कारण जमा पूंजी गंवाने वालों को न्याय नहीं मिल पा रहा है,साइबर क्राइम के बढ़ते मामले को ध्यान में रखकर हर थानों में साइबर एक्सपर्ट होना जरूरी है,पुलिस थाना में ठगी के शिकार लोगों द्वारा लिखित आवेदन देने के बाद इसे विवेचना के लिए जिला स्तरीय साइबर सेल को भेजा जाता है जहाँ भी विशेषज्ञों के नहीं होने के कारण गंभीर किस्म के प्रकरण को पुलिस मुख्यालय स्थित यूनिट को स्थानांतरित कर दिया जाता है,इससे जांच करने में लंबा समय लगता है,इसमें बैंक खातों से रकम निकालकर धोखाधड़ी करने,ऑनलाइन लेनदेन,एटीएम क्लोनिंग, एटीएम कार्ड नंबर,ईमेल आईडी के जरिए धोखाधड़ी और हैकिंग के सर्वाधिक मामले होते है,पुलिस थानों में एक्सपर्ट नहीं होने से ऐसे मामलों की जांच में लेटलतीफी होती है, इसलिए अलग से थानों में साइबर क्राइम डिवीज़न बनाना अतिआवश्यक है,थानों में साइबर क्राइम डिवीज़न शुरू होने से साइबर अपराध होने पर तुरंत प्राथमिकी दर्ज कर विशेषज्ञ इसकी जांच कर सकेंगे,इससे मामलों को तत्वरित सुलझाने और आरोपियों को पकड़ने में मदद मिलेगी।



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