तिल्दा नेवरा। निनवा के कांजी हाउस में 3 दिन भूख से तड़पी करीब सौ गौवंश
तीन दिन, तीन रात, खाने को न चारा, न भूसा, न पीने को पानी, न बारिस से बचने छत और न ही बैठने सूखी जमीन, ऐंसे हालात के बीच कांजी हाउस में लगभग सौ गौवंश बन्द रहे , हालांकि समय रहते गौसेवकों के सक्रिय होने से उन्हें निकाल तो दिया गया लेकिन इन तीन दिनों में यदि गौवंश की भूख से मौत होती तो जिम्मेदार कौन होता, यह बड़ा सवाल उठने लगा है।
यह पूरा मामला है तिल्दा ब्लॉक के ग्राम पंचायत निनवा गांव का। फसलों को गौवंश से बचाने गांव की सड़कों पर घूमने वाले ग्रामीणों के करीब सौ गौवंश को तीन दिन पहले ग्राम पंचायत ने कांजी हाउस मे रखा, लेकिन उन गौवंश को न तो पीने को पानी रखा, न ही उन्हें खाने चारा या भूसा डाला गया जिसके चलते वह भूख से तड़प रही थी।
श्रीराम गौसेवा संगठन से जुड़े गौसेवको को जैसे ही इसकी खबर लगी उन्होंने तिल्दा एसडीएम को अवगत कराया, तब शुक्रवार की शाम तिल्दा से पशु चिकित्सक निनवा पहुँचे, मौके पर कांजी हाउस के अंदर कीचड़ ओर पानी भरा था, गौवंश को बैठने सूखी जमीन तक नहीं थी। अंततः सारे गौवंश को कांजी हाउस से छोड़ा गया।
एसडीएम प्रकाश टंडन ने कहा कि पशु चिकित्सको को मौके पर भेजकर गौवंश के चारा पानी की व्यवस्था कराई गई, सभी गौवंश गांव के लोगो के ही है। सभी गौवंश मालिको की सहमति से ही उन्हें एक जगह रखा गया था सूचना पर सभी को छुड़वा दिया है।
बाइट 1, प्रकाश टंडन एसडीएम
2, डा राम स्वरूप वर्मा पशु चिकित्सक