पैसा खूब कमाया कोड़ी खूब कमाया पर भगवान झूलेलाल को भुला दिया,, संतलाल साईं
श्री झूलेलाल मंदिर झूलेलाल नगर चकरभाटा के संत लाल साई जी का सत्संग समारोह सिंधी धर्मशाला आमापारा धमतरी में आयोजित किया गया
सत्संग शाम 5:00 बजे आरंभ हुआ 7:00 बजे समापन हुआ
सत्संग की शुरुआत भगवान झूलेलाल बाबा गुरमुख दास जी के फोटो पर माला अर्पण कर दीप प्रज्वलित करके की गई
साइ जी का स्वागत फूल माला पहनाकर फूलों की वर्षा से की गई
सत्संग में साई जी ने अपनी अमृत वाणी में कई ज्ञानवर्धक कथा सुनाई
जिसमें प्रमुख कथा है
एक दिन भगवान श्री कृष्णा की पत्नी सत्यभामा सुदर्शन चक्र व भगवान का वाहन गरुड़ का घमंड तोड़ने के लिए भगवान ने एक लीला रची सत्यभामा ने कहा हे प्रभु मैं आपके हमेशा साथ रहती हूं तभी आप विजय प्राप्त करते हैं गरुड़ ने कहा हे प्रभु मैं आपको हमेशा एक स्थान से दूसरे स्थान जल्द से जल्द पहुंचा देता हूं सुदर्शन चक्र ने कहा हे प्रभु मैं हमेशा आपकी रक्षा करता हूं बार्णो से तलवारों से अलग-अलग ओजरो से भगवान समझ गए कि इनका घमंड बोल रहा है तो उन्होंने गरुड़ को कहा कि अमुक जगह हनुमान जी रामनाम का जाप कर रहे हैं तुम जल्दी से जाकर उसे कहो कि द्वारिका में भगवान राम और सीता ने तुम्हें याद किया है आकर जल्दी मिले सुदर्शन चक्र से कहा तुम गेट के बाहर खड़े रहो कोई भी अंदर आए उसे अंदर आने मत देना चाहे हनुमान ही क्यों ना आए सत्यभामा से कहा तुम जल्दी से माता सीता का रूप धारण कर दो हनुमान आने वाला है भगवान श्री कृष्ण और सत्यभामा ने राम और सीता का रूप धारण किया गरुड़ हनुमान जी को लेने पहुंचे और कहा कि द्वारिका में आपको भगवान रामचंद्र और सीता जी ने याद
गरुड़ ने कहा कि है प्रभु आपने बाहर में सुदर्शन चक्र को सेवा में लगाया था और कहा था कि किसी भी को अंदर आने ना दें तो फिर वहां बाहर तो देखा कोई नहीं था हनुमान जी भी अंदर आ गए में भी अंदर आ गया सुदर्शन चक्र कहां गया
तब हनुमानजी ने कहा अच्छा रुको जो गोल गोल चक्र घूम रहा था वही सुदर्शन चक्र है मुझे परेशान कर रहा था मैंने पकड़ कर खा गया हनुमान जी ने अपने मुंह से सुदर्शन चक्र को बाहर निकाला और सामने बैठे भगवान से कहा आप तो भगवान रामचंद्र जी हैं पर सामने बैठी माता सीता नहीं है ये किसे आपने बैठा दिया है
सत्यभामा सुदर्शन चक्र वह गरुड़ को अपने-अपने घमंड पर जो नाच था वह चकनाचूर हो गया तीनों समझ गए कि किसी भी बात पर घमंड नहीं करना चाहिए
साईं जी ने कहा हमें भी कभी भी किसी भी बात पर घमंड नहीं करना चाहिए हम कौन होते हैं कुछ करने वाले या किसी को कुछ देने वाले हमारे पास आज जो है वह भी देने वाला अगर कोई है तो वह ऊपर वाला है उसके बिना एक पत्ता भी नहीं हिल सकता है इस करोना काल में आप सभी ने देख लिया ना कोड़ी कोई काम आई ना पैसा काम आया अगर कोई काम आया तो प्रभु का नाम काम आया इसलिए मैं मैं न करें हमेशा जैसा भी समय रहे खुश रहे और एक ही बात बोले सब अच्छा है प्रभु की दया से सब भला हो रहा है सब अच्छा हो रहा है अच्छा बोलेंगे तो अच्छा होगा
वाणी से हमेशा मधुरता झलकती रहे मीठा बोलने वाला अपना जहर भी बेज देता है और कड़वा बोलने वाला अमृत भी नहीं बेज पाता है
इसलिए हमेशा अपनी वाणी से मीठे शब्दों का प्रयोग करें भगवान का सिमरन करें नाम जपे जिस अवस्था में भी हैं खुश रहें प्रभु की कृपा समझें
साईं जी के द्वारा कई भक्ति भरे भजन गाए गए
पैसा बहुत कमाया कोड़ी बहुत कमाई पर भगवान झूलेलाल को भुला दिया
जिसको पैसे से है नशा वह दुकान में बैठे जिसको घर से है नशा व घर में बैठे जिसको भगवान झूलेलाल के प्यार का है नशा व झूलेलाल मंदिर चकरभाटा में आए
दुनिया की क्यों करूं मैं परवाह मेरा रखवाला तो है भगवान झूलेलाल मेरा सब कुछ है भगवान झूलेलाल
बाबल तुंजे दर जी दासी अहाया मा जेकी आहया मां जेरी आह्या तूंजे दर जी आहया
चालीहो आयो आ भगवान झूलेलाल जो जेको चेंदो झूलेलाल तेनजा थी ना बेड़ा पार
ऐसे कई भक्ति भरे भजन गाए इसे सुनकर भक्तजन झूम उठे
कार्यक्रम के आखिर में भगवान झूलेलाल चालिहा उत्सव की महिमा बताई घर में घाघर कैसे रखें इसके बारे में उसकी पूरी जानकारी दी
अंत में आरती की गई अरदास की गई विश्व कल्याण के पल्लो पाया गया प्रसाद वितरण किया गया इस पूरे कार्यक्रम को सफल बनाने में बाबा गुरमुखदास सेवा समिति झूलेलाल सेवा मंडल के सभी सदस्यों का विशेष योगदान रहा जिनमें प्रमुख हैं सुरेश आडवाणी महेश चावला गोवर्धन चावला मुकेश चावला डॉक्टर खेमचंद भोजवानी अशोक गोस्वामी राजू भोजवानी महेश रोहरा अर्जुन लखवानी अमित पिजानी थावर राजवानी चुनी आहूजा एवं चारामा कांकेर से भी आए भक्त जनों का सहयोग रहा
इस पूरे कार्यक्रम को कवर करने के लिए पत्रकार फोटोग्राफर विजय गोविंद दुसेजा
बिलासपुर से धमतरी पहुंच कर कवर किया
श्री विजय दुसेजा जी की खबर