गुरु माता पूज्य दीपिका शदाणी जी का 50 वा "अवतरण दिवस हर्षो उल्लास के साथ मनाया गया

गुरु माता पूज्य दीपिका शदाणी जी का 50 वा "अवतरण दिवस हर्षो उल्लास के साथ मनाया गया

गुरु माता पूज्य दीपिका शदाणी जी का 50 वा "अवतरण दिवस हर्षो उल्लास के साथ मनाया गया

गुरु माता पूज्य दीपिका शदाणी जी का 50 वा "अवतरण दिवस हर्षो उल्लास के साथ मनाया गया



नारी एक रूप अनेक
शदाणी दरबार तीर्थ के नवम 
पीठाधीश्वर संत श्री डॉ.युधिष्ठिर लाल जी महाराज के सानिध्य में गुरु माता पूज्य दीपिका शदाणी जी का 50 वाँ जन्म उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया गया प्रातः 09बजे गौरी गणपति,कलश स्थापना,दीप प्रज्वलन से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ तत्पश्चात विश्व कल्याण हेतु श्री दुर्गा  सप्तशती का पाठ व श्री चंडीयज्ञ का आयोजन किया गया छत्तीसगढ़ वेद संरक्षण समिति के परम आदरणीय अध्यक्ष पंडित राम चंद्र शास्त्री गल व पूज्य शशांक जी द्वारा सूर्यास्त को संपन्न हुआ संध्या 06बजे शदाणी शक्ति महिला मंडल द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया कार्यक्रम का संचालन श्रीमती हेमलता गावड़ा व श्रीमती दिव्या गावड़ा द्वारा किया गया

भारतीय सिंधु सभा  महिला विंग की  राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमती विनीता भावनानी जी ने भी गुरु माता को अवतरण "दिवस की बधाई दी और 
कहा कि भगवान ने सृष्टि बनाई मानव जन्म हुआ कई रिश्ते नाते हुए पर मां का स्थान सबसे ऊपर हुआ क्योंकि मानव का जन्म मां के गर्भ के द्वारा ही होता है मां की ममता के आंचल में मां का अमृत जैसा दूध पीकर बच्चा बड़ा होता है मां के लाड प्यार से बचपन बीता है मां के संस्कार से बच्चा बढ़ता है इसीलिए मां का स्थान हमेशा सबसे ऊपर होता है नारी एक है लेकिन उसके रूप अनेक हैं कभी दुर्गा है कभी सँतोषी है कभी लक्ष्मी  है तो कभी सरस्वती है

कहीं गंगा है कहीं यमुना है , ऐसे ही परिवार में अलग अलग किरदार माँ, बहन, देवरानी जेठानी ननद भाभी विभिन्न रूपो में एक  ही मुस्कान के साथ कर्तव्य जब निभाती है तो वही घर स्वर्ग बन जाता है..और आज हमारे सामने विराजमान गुरु माता दीपिका जी है  जैसा उनका नाम है दीपिका यानी  अनंत दीपों की लौ, और लड़ियों को अपने अंदर समाहित किये हुए जो अंधेरे को चीरकर उजाला लाता है लाखों लोगों के दिलों में रोशनी जगाता है वह चेहरे पर मुस्कान लता  है ममता के आंचल से सभी भक्तों को छांव देती है उनके दुखों को अपने प्रेम से दूर करती है
व  दरबार के नवम ज्योत संत युधिष्ठिर लाल जी 
जैसा उनका नाम है वैसा ही उनके कार्य हैं

सत्य की राह पर चलने वाला धर्म की  ध्वजा ऊपर करने वाला सबको न्याय देने वाला सनातन धर्म को आगे बढ़ाने वाले हिंदू धर्म की संस्कृति को बचाने वाला  अपने भक्तों को प्यार करने वाले हर प्रकार के युद्ध मे सदा स्थिर युधिष्ठिर  भाई जी ऐसे महान संत हैं जिनका आशीष हमें मिला और जिन की छत्रछाया में आज हम यहां विराजमान हैं
ऐसी महान दरबार में और ऐसी तपोभूमि में आकर हम धन्य हुए

इस अवसर पर आए हुए सभी अतिथियों का शदाणी महिला विंग के सदस्यों के द्वारा फूलों का हार पहनाकर स्वागत किया गया मोतियों की माला पहनाकर सम्मान किया गया इनमें प्रमुख हैं बिलासपुर से श्रीमती विनीता भावनानी  पार्वती कुंदनानी
छाया भक्तानी मुस्कान बच्चानी 
ज्योति नारवानी पूनम बजाज 
व संत युधिष्ठिर लाल  जी के द्वारा
पत्रकार फोटोग्राफर विजय दुसेजा का शाल पहनाकर श्रीफल देकर सम्मान किया
 सांस्कृतिक कार्यक्रमों के पश्चात अंत में पूज्य संत जी द्वारा आशीर्वचन हुए जिसमें संत जी ने बताया हर एक व्यक्ति का जीवन आदर्श जीवन होना चाहिए,महापुरुषों के बताए हुए मार्ग पर हर एक व्यक्ति को चलना चाहिए ,शास्त्रानुसार जीवन व्यतीत करने वाला व्यक्ति ही सर्वश्रेष्ठ उपाधि प्राप्त करता है प्रत्येक व्यक्ति जीव कल्याण के लिए सोचना चाहिए शदाणी दरबार सदैव इन्हीं बातों पर विशेष ध्यान रखता है। मानव सेवा माधव सेवा ही उद्देश्य शदाणी दरबार का है।कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री दर्शन निहाल,बाबूरामआहूजा,महेश मोटलानी,भजन दास तलरेजा,बंटी गावड़ा उपस्थित रहे छत्तीसगढ़ प्रदेश की अन्य महिला संगठनों ने भी इस कार्यक्रम में आकर भाग लिया।भारतीय सिंधु सभा महिला विंग,शंकर नगर शांति नगर पंचायत महिला विंग,बिलासपुर से महिला मंडल,एस.एस.डी महिला मंडल व अन्य महिला संगठनों ने आकर गुरु माता को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी यह जानकारी दरबार तीर्थ के प्रमुख सेवादारी श्री उदय लाल शदाणी ने दी

श्री विजय दुसेजा जी की खबर

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