25 नवंबर साधूवासवानी जी का जन्मदिवस हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया

25 नवंबर साधूवासवानी जी का जन्मदिवस हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया

25 नवंबर साधूवासवानी जी का जन्मदिवस हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया

25 नवंबर साधूवासवानी जी का जन्मदिवस हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया 



बिलासपुर सेंटर के तत्वाधान में रामावेल्ली स्थित साधूवासवानी उद्यान में संतश्री साधूवास वानी जी का जन्मोत्सब धूमधाम से मनाया गया।
कार्यक्रम का आरंभ महिला विंग द्वारा आ गुरुदेव की मूर्तिपर माल्यार्पण कर और आरती कर किया, गया तपष्चात नूरीग्रन्थ साहब  को  भोग लगाया  गया तथा मंप्रबोध का वाचन किया और गुरुजी के कीर्तन पाठ किया 
गुरुजी देवेंद्र गोस्वामी और टीम ने गुरु के बेहतरीन भजनों से समा बांध दिया
छोटे बच्चों के द्वारा मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति दी गई जिसमें संदेश था खुद भी जियो दूसरों को भी जीने दो सुध हार  शाकाहार

कार्यक्रम के अंत मे गुरु के आशीर्वाद वचनों की सीडी चलाई और उनके जीवन पर प्रकाश डाला गया 
गुरु के अनुसार पशुपक्षियों को भी जीने का अधिकार है अपने स्वाद के लिए उनकी हत्या क्यों।
डॉ अभिषेक ने शाकाहार अपनाने के फायदे बताये तथा  प्रेम और मोह  में क्या फर्क है यह बताया प्रेम त्याग करता है और  मोह इंसान को बांधे रखता है

इसलिए आप  इंसान से  जानवर से सभी से प्रेम करें
भारतीय सिंधु सभा महिला विंग  की राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमती विनीता भावनानी जी ने भी अपने विचार व्यक्त किए वह  ज्ञानवर्धक लघु कथा सुनाई 
भारत सनातन धर्म अपनाने वाला देश है भारत हिंदू राष्ट्र देश है सनातन धर्म में हिंदू धर्म में मांसाहार का उपयोग नहीं किया जाता है आज जर्मनी देश  शाकाहार को अपना राह  है
और हम कहां पर जा रहे हैं

कुछ लोगों की देखा देखी मैं और थोड़े से स्वाद के खातिर मांसाहार को अपना रहे हैं प्रकृति ने इतने सारे फल फूल हरी सब्जियां हमें दी है जिसमें कई किसम के विटामिन जिससे शरीर को ताकत मिले और शरीर  स्वस्थ रहें ऐसी चीजें उसमें हैं फिर भी हम उसको छोड़ कर किसी जीव की हत्या करके उसका मांस का सेवन करते हैं जो कि उचित नहीं हैं जब इंसान मरता है और अंदर से डरा हुआ  होता है और दुखी होता है उसी तरह इस जानवर को भी जब मारा जाता है वह दुखी होता है और डरा हुआ होता है अब खुद सोचिए उस समय और जानवर को मारकर उसके मांस का सेवन करना किस वाइब्रेशन को उत्पन्न करेगा अगर हम स्वस्थ मन से अच्छे से खाना पकाते हैं और सामने वाले को  खिलाते हैं सामने वाले का भी मन अच्छा होता है दादा के दिखाए हुवे  मार्ग पर हमें चलना है उनके संदेश को घर-घर तक पहुंचाना है खुद भी जियो दूसरों को भी जीने दो जैसा होगा अन्न  वैसा होगा मन  शुद हार  शाकाहार

 आभार  आभार प्रदर्शन राजेश कलवानी ने व्यक्त किया 
कार्यक्रम के आखिर में आरती की गई केक काटा गया प्रसाद वितरण किया गया वह श्रीमती विनीता भवानी जी का सपना कलवानी चित्र पंजवानी के द्वारा शाल पहनाकर सम्मान किया गया
आए हुए सभी भक्त जनों के लिए

सल्फरहार की व्यवस्था की गई थी इस पूरे आयोजन को सफल बनाने में
साधूवासवानी सेंटर रामावेल्ली,
रामावेल्ली महिला मंडल
चकरभाठा महिला मंडल
का विशेष सहयोग रहा

श्री विजय दुसेजा जी की खबर

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