गन्ना हुआ महंगा बेर व सिंघाड़ा सस्ता
मंहगाई ने त्यौहार को किया फिका
विगत 2 वर्षों से करोना महामारी कारण लोग वैसे भी तीज त्यौहार ठीक से मना नहीं पा रहे थे
और लगातार हो रहे पेट्रोल डीजल में वृद्धि के कारण महंगाई से लोगों की कमर टूट गई यह दिवाली भी फीकी गई
उसके बाद केंद्र सरकार ने ऊंट के मुंह में जीरे के समान पेट्रोल और डीजल में रेट कम किया पर ट्रांसपोर्टर व गाड़ी वालों ने अपना रेट कम नहीं किया इसके कारण मंगाई कम नहीं हुई है सब्जियों के भाव नीचे नहीं उतर रहे हैं और बची खुची कसर फल वगैरह में देखने को मिल रही है एकादशी के दिन मुंगेली पंडरिया से बिकने के लिए शहर में आए गन्ना किसानों का कहना है डीजल का रेट केंद्र में सरकार ने कम किया है लेकिन गाड़ी वालो ने कम नही किया है जिसके कारण गन्ना पिछले वर्ष से इस बार रेट ज्यादा है बाजार में भी उठाओ कम है सिंघाड़ा गाजर लोकल आवक के कारण उसका रेट कम है ₹40 रुपए किलो बेर लखराम से है इसलिए उसका रेट भी कम है ₹50 किलो विगत वर्ष ₹80 किलो बिका था किसान का कहना है कि 2 दिन से लगातार मौसम बदले वह बारिश के कारण फसल खराब ना हो जाए इसलिए जल्दी से तोड़ कर लाए हैं बेच रहे हैं
वर्ष की सबसे बड़ी एकादशी 15 नवंबर को है लोग बाजार में थोड़ा-थोड़ा सामान खरीद रहे हैं ताकि पूजा अर्चना कर सके जनता के हित के लिए जनता को राहत देने के लिए राज्य सरकार को भी चाहिए कि वह पेट्रोल डीजल में वेट को कम करें जिससे जनता व किसानों का भी भला होगा करोना काल में भी छत्तीसगढ़ से जीएसटी का पैसा अन्य राज्यों से ज्यादा गया अब जरूरत है कि जनता को किसानों को भी राहत मिले उसका फायदा मिले
श्री विजय दुसेजा जी की खबर