सिंधी समाज ने महालक्ष्मी का त्योहार श्रद्धा भक्ति के साथ मनाया
देशभर में सिंधी समाज ने महालक्ष्मी का त्योहार श्रद्धा भक्ति से मनाया इसी कड़ी में बिलासपुर में भी सिंधी कॉलोनी मनोहर टॉकीज के पीछे जूना बिलासपुर में भी महालक्ष्मी का त्योहार हर्षोउल्लास के साथ मनाया
महालक्ष्मी का पर्व पितृपक्ष में आता है वैसे तो सिंधी समाज के कई तीज त्योहार होते हैं लेकिन इस त्यौहार का पित्र पक्ष में आना एक अलग महत्व रखता है हर समाज की पहचान उसके भाषा संस्कृति और तिज त्यौहार से होती है भले ही हम कितने ही आधुनिक क्यों ना हो जाए पर हम जब तक अपने तीज त्योहारों से नहीं जोड़ते हैं तब तक हमारी पहचान एक समाज के रूप में नहीं होगी
हर एक त्यौहार हम सबको अपने आप से जोड़ता है वह हमारा प्यार बढ़ाता है वह हमें अपनी जड़ों से बांधे रखता है इसलिए सभी लोगों को अपने तीज त्यौहार भूलने नहीं चाहिए और सबको मिलजुलकर मनाना चाहिए
आज से 16 दिन पूर्व महा लक्ष्मी का सगड़ा बांदा गया था जिसे आज खोला गया महालक्ष्मी की कथा विधि विधान के साथ मोनिका सिदारा के द्वारा बताई गई आज के दिन मैदे से बनी हुई पुडी ऊपर पीले रंग के सगड़े को बांधा जाता है वह अन्य कई प्रकार के पकवान वह व्यंजन बनाए जाते हैं थाली में 11 दीपक जलाकर तितुर सोरी भी मिठाई और नारियल के साथ ले जाते हैं
महालक्ष्मी की कथा मै यह बताया गया है कि एक रानी महालक्ष्मी के सगड़े का अपमान करती है जिससे लक्ष्मी जी उसे रूठ जाती है वह उसके प्रकोप के असर से रानी को बहुत तकलीफ सहनी पड़ती है वो रानी से नौकरानी बन जाती है
दर-दर की ठोकरें खाती हैं
एक साधु के माध्यम से आखिर में अपनी भूल का सुधार करके वापस उसे वह स्थान मिल जाता है और वह राजा की फिर से रानी बन जाती है अपनी भूल का प्रायश्चित किया तब जाकर उसका उद्धार हुआ इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि भगवान हो या इंसान हो किसी भी का अपमान नहीं करना चाहिए
छोटा हो या बड़ा हो गरीब हो या अमीर हो अगर हम किसी का अपमान करते हैं तो उसका फल भी हमें यही भुगतना पड़ता है और चाहे वह अमीर हो चाहे वह गरीब हो सजा सबको बराबर मिलती है महालक्ष्मी बड़ी दयालु है सबके दुख हरति है सबके भंडार भर्ती है इस अवसर पर समाज के बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे वह अपने अपनी मनोकामना पूरी होने पर मिठाई वगैरह प्रसाद लेकर पहुंचे लोगों ने मनोकामना पूरी होगी तो हम यह काम करेंगे कहा व आखिर में अरदास की गई विश्व कल्याण के लिए पल्लो पाया गया प्रसाद वितरण किया गया
इस अवसर पर बड़ी संख्या में समाज के पुरुष महिलाएं बच्चे उपस्थित थे जिनमें प्रमुख हैं मां कलावती दुसेजा शीला सिदारा
प्रिया मोनिका मुस्कान संध्या भावना रेखा लक्ष्मी सिदारा
पुष्पा वर्षा लक्ष्मी वाधवानी उषा को गोदवानी भारती गुंजन दुसेजा
अमृत हरीश हीरा गुरमुख सुरेश सिदारा विजय गोविंद दुसेजा
प्रेम सबनानी बंटी सचदेव
मोती नीरज दुसेजा सुमित गोपी प्रह्लाद महेश डब्बू ब्रह्ममा सिदारा
करा सुमित सोनू अनिल व अन्य लोग उपस्थित थे
श्री विजय दुसेजा जी की खबर