श्री चंद्र महाराज का 527वा प्रकट उत्सव मनाया गया
बिलासपुर. धर्म नगरी श्री झूलेलाल नगर चकरभाटा में यू तो सदैव सनातन धर्म के भक्ति भाव से सराबोर रहा है.एक पवित्र स्थल के रूप में माने जाने वाले चकरभाटा के बाबा आनंद राम दरबार में विगत दिनों श्री गुरु नानक देव जी के सुपुत्र उदसीन आचार्य भगवान श्री चंद्र महाराज के 527 वें प्राकट्य उत्सव का महातम का वर्णन किया एवं कहा कि भगवान श्री चंद्र स्वयं साक्षात शिव स्वरूप है,
कहते हैं की भक्ति में शक्ति कहावत चरितार्थ है, इसी तरह भगवान श्री चंद्र महाराज ने अपने भक्ति योग से पापियों का नाश करके सनातन धर्म की रक्षा की. 125 वर्ष की लंबी समयावधि तक चिर युवा होने के बाद भी उन्हें अपना शरीर नहीं त्यागा तथा वे अंतर्ध्यान हो गए. नदी किनारे पार लगाने के लिए नाविक द्वारा श्री चंद्र भगवान से आकर्षित हो उत्साह पूर्वक कहने लगे आप तो स्वयं प्रकाशमान है, शक्ति रुपी है, मैं तो एक नाविक हूं आप तो यूं ही नदी पार कर सकते हैं . आचार्य भगवान श्री चंद्र महाराज एक पत्थर पर खड़े होकर नदी पार करने के लिए आज्ञा दी एवं वह शक्ति रूपी पत्थर जल में तैरने लगा एवं भगवान श्री चंद्र महाराज ने नदी पार की.आज पूरे विश्व में सनातन धर्म के साधु महात्मा भगवान श्री चंद्र महाराज के भक्ति में लीन हो अपना जीवन सार्थक बना रहे हैं .कथा के दौरान बलराम भैया द्वारा सुंदर भजनों को श्रवण कर समस्त श्रद्धालुगण उत्साह से झूम उठे.कथा के अंत में प्रसाद वितरण किया गया. इस आयोजन में बाबा आनंदराम सेवा समिति का सहयोग सराहनीय रहा.
श्री विजय दुसेजा जी की खबर