दुर्ग नगर निगम के पूर्व एल्डरमैन भाजपा नेता डॉ. प्रतीक उमरे ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से धान खरीदी प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एक उच्चस्तरीय निगरानी समिति गठित करने का आग्रह

दुर्ग नगर निगम के पूर्व एल्डरमैन भाजपा नेता डॉ. प्रतीक उमरे ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से धान खरीदी प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एक उच्चस्तरीय निगरानी समिति गठित करने का आग्रह

दुर्ग नगर निगम के पूर्व एल्डरमैन भाजपा नेता डॉ. प्रतीक उमरे ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से धान खरीदी प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एक उच्चस्तरीय निगरानी समिति गठित करने का आग्रह

दुर्ग नगर निगम के पूर्व एल्डरमैन भाजपा नेता डॉ. प्रतीक उमरे ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से धान खरीदी प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एक उच्चस्तरीय निगरानी समिति गठित करने का आग्रह किया है।डॉ. प्रतीक उमरे ने कहा कि सरकार द्वारा 15 नवंबर से धान खरीदी प्रारंभ किया जाना है।धान खरीदी में अनियमितता रोकने निगरानी समिति अत्यंत आवश्यक है,जो किसानों की मेहनत को न्याय दिलाने में मददगार साबित होगा।हर वर्ष धान खरीदी केंद्रों में सूखत के नाम से एक्स्ट्रा खरीदी कर किसानों की जेब में डाका डालने का खेल खेला जाता है,शासन के नियम के अनुसार एक बारदाने में 40 किलो धान भरा जा सकता है,उसमें बारदाने के वजन के बदले 680 ग्राम ज्यादा धान भरने की छूट है,इस छूट की आड़ में कुछ समिति वाले 800 ग्राम से एक किलो ग्राम तक एक्स्ट्रा धान भरते हैं,किसान आपत्ति करे तो कह दिया जाता है कि परिवहन समय पर नहीं होने से धान फड़ में पड़े रहने से सूखता है,जिसके बाद एक बोरे का वजन 40 किलो से कम हो जाता है,समिति को होने वाले इस नुकसान के बदले किसानो का धान ज्यादा लेकर शार्टेज की समस्या दूर कर ली जाती है,इसलिए सोसायटियों में छह साल से शार्टेज की समस्या नहीं आई है,तथा धान का तौल होते ही बारदाने का सिलाई करना होता है,लेकिन कुछ समिति प्रबंधक तत्काल बोरी की सिलाई नहीं कराते,खरीदी के समय तौल में समिति प्रबंधक किसानों से जो अतिरिक्त धान लेते हैं उस एक्स्ट्रा धान को निकालने के बाद सिलाई करते हैं,फिर निकाले गए धान को उन किसानों के नाम से खपाया जाता है जिनके पास कृषि जमीन तो होती है साथ ही उनका भी पंजीयन भी होता है,लेकिन वे धान का उत्पादन नहीं करते हैं,सरकार द्वारा धान खरीदी को पारदर्शी बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं,लेकिन जमीन पर कुछ तत्व इनका दुरुपयोग कर रहे हैं। इसलिए धान खरीदी की निगरानी के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन जल्द से जल्द किया जाए।यह समिति केंद्रों पर नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करेगी और किसानों को उनके हक का पूरा लाभ दिलाएगी।निगरानी समिति के गठन से न केवल अनियमितताओं पर रोक लगेगी, बल्कि किसानों का विश्वास भी सरकार पर बढ़ेगा।

भवदीय 
डॉ. प्रतीक उमरे 
पूर्व एल्डरमैन 
नगर निगम दुर्ग।

                           

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