अन्नदाताओं का सम्मान — समृद्ध राष्ट्र का निर्माणदिनांक: 11 अक्टूबर 2025

अन्नदाताओं का सम्मान — समृद्ध राष्ट्र का निर्माणदिनांक: 11 अक्टूबर 2025

अन्नदाताओं का सम्मान — समृद्ध राष्ट्र का निर्माणदिनांक: 11 अक्टूबर 2025
अन्नदाताओं का सम्मान — समृद्ध राष्ट्र का निर्माण
दिनांक: 11 अक्टूबर 2025
स्थान: कृषि विज्ञान केंद्र, पाहंदा, पाटन, जिला दुर्ग (छत्तीसगढ़)
आज दिनांक 11 अक्टूबर 2025 को पाटन विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र, पाहंदा (दुर्ग) में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम के माध्यम से देश के यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से देश भर के करोड़ों किसानों को समर्पित विभिन्न बहुप्रतीक्षित एवं बहुआयामी कृषि योजनाओं का शुभारंभ एवं शिलान्यास किया।
इस ऐतिहासिक अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री जी ने ₹42,000 करोड़ से अधिक की कृषि परियोजनाओं की सौगात देश को दी, जो किसानों की उन्नति, कृषि क्षेत्र के सशक्तिकरण एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है।

इस कार्यक्रम के अंतर्गत निम्नलिखित प्रमुख योजनाओं एवं परियोजनाओं की शुरुआत की गई: पीएम धन–धान्य कृषि योजना का शुभारंभ — यह योजना किसानों की आय बढ़ाने, आधुनिक तकनीक को बढ़ावा देने और कृषि उत्पादन की गुणवत्ता में सुधार हेतु विशेष रूप से तैयार की गई है।
दलहन आत्मनिर्भरता मिशन  देश को दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह मिशन मील का पत्थर साबित होगा। यह पहल न केवल किसानों की आमदनी बढ़ाएगी, बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा को भी मजबूत करेगी।

 कृषि अवसंरचना कोष, पशुपालन, मत्स्य पालन एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र से संबंधित 1100 से अधिक परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास — इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी एवं मूल्य संवर्धन को बल मिलेगा।
कार्यक्रम में प्रमुख अतिथिगण की गरिमामयी उपस्थिति:
इस भव्य कार्यक्रम में मुख्य रूप से श्री विजय बघेल, सांसद — दुर्ग लोकसभा,  कीर्ति नायक जनपद अध्यक्ष, नीलम चंद्राकर एवं राजेश चंद्राकर (सभापति),
कमलेश वर्मा, जनपद उपाध्यक्ष
कमलेश चंद्राकर, मंडल अध्यक्ष
विनायक ताम्रकार, हर्षा लोकमणी चंद्राकर, राजा पाठक
इशरावती ठाकुर, सरपंच
साथ ही कई अन्य जनप्रतिनिधि, किसान संगठन के पदाधिकारी, कृषि वैज्ञानिक एवं क्षेत्र के हजारों किसान भाई-बहनों ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
यह आयोजन भारत के कृषि इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर सिद्ध होगा। प्रधानमंत्री द्वारा घोषित योजनाएं एवं परियोजनाएं न केवल किसानों को सशक्त करेंगी, बल्कि देश को 'समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में और भी सुदृढ़ गति से आगे बढ़ाएंगी।जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान!

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