*भाजपा नेता डॉ. प्रतीक उमरे की अनूठी पहल: आईटीआर फाइलिंग सेवाओं के लिए सीए करदाताओं को देंगे मुफ्त प्रारंभिक सलाह*
*भाजपा नेता डॉ. प्रतीक उमरे की अनूठी पहल: आईटीआर फाइलिंग सेवाओं के लिए सीए करदाताओं को देंगे मुफ्त प्रारंभिक सलाह*
दुर्ग नगर निगम के पूर्व एल्डरमैन भाजपा नेता डॉ. प्रतीक उमरे ने एक अनूठी पहल की शुरुआत की है,जिसके तहत चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) मनीष श्रीवास की कंपनी करदाताओं को आयकर रिटर्न (आईटीआर) फाइलिंग से संबंधित मुफ्त प्रारंभिक सलाह प्रदान करेगी।यह पहल आम नागरिकों को कर प्रक्रियाओं में आसानी प्रदान करने और कर अनुपालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई है,विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो आईटीआर फाइलिंग में जटिलताओं का सामना करते हैं।इस अभियान के माध्यम से करदाताओं को आईटीआर फाइलिंग की बुनियादी समझ,आवश्यक दस्तावेजों की सूची,कर कटौती के विकल्पों और सामान्य गलतियों से बचने की सलाह देंगे।यह सलाह पूरी तरह मुफ्त होगी और शुरुआती चरण में सीमित होगी,ताकि अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हो सकें।डॉ. प्रतीक उमरे ने कहा कि आज के समय में कर अनुपालन एक आवश्यकता है,लेकिन कई लोग जटिल प्रक्रियाओं और जानकारी की कमी के कारण परेशान होते हैं।यह पहल आम आदमी को सशक्त बनाने का प्रयास है।सीए मनीष श्रीवास जैसे विशेषज्ञों के सहयोग से सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी करदाता आईटीआर फाइलिंग से वंचित न रहे।यह भाजपा की 'सबका साथ, सबका विकास' की भावना के अनुरूप है,जहां हम समाज के हर वर्ग को सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
चार्टर्ड अकाउंटेंट मनीष श्रीवास ने सभी करदाताओं से अपील की है कि वे वित्तीय वर्ष 2024-25 (मूल्यांकन वर्ष 2025-26) के लिए अपना आयकर रिटर्न (आईटीआर) समय पर फाइल करें। वर्तमान में आईटीआर फाइलिंग की अंतिम तिथि 15 सितंबर 2025 है,जो कि मूल रूप से निर्धारित 31 जुलाई 2025 की तिथि से बढ़ाई गई है।सीए मनीष श्रीवास ने इस अपील के माध्यम से करदाताओं को देरी से होने वाले दंड और कानूनी जटिलताओं से बचने की सलाह दी है।उन्होंने कहा कि आईटीआर फाइलिंग न केवल एक कानूनी दायित्व है,बल्कि यह करदाताओं को अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत करने और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने का अवसर भी प्रदान करता है।उन्होंने जोर दिया कि समय पर फाइलिंग से रिफंड प्रक्रिया तेज होती है और अनावश्यक ब्याज या पेनाल्टी से बचा जा सकता है।वित्तीय वर्ष 2024-25 में कई करदाताओं ने आय में वृद्धि देखी है,लेकिन आईटीआर फाइलिंग में देरी से वे अनावश्यक परेशानियों में पड़ सकते हैं।उन्होंने अनुरोध किया है कि ई-फाइलिंग पोर्टल का उपयोग करें और यदि आवश्यक हो तो पेशेवर सहायता लें।यह न केवल व्यक्तिगत लाभ के लिए है,बल्कि देश की आर्थिक प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए भी महत्वपूर्ण है।आईटीआर फाइलिंग की प्रक्रिया अब पहले से अधिक सरल हो गई है,जिसमें प्री-फिल्ड फॉर्म उपलब्ध हैं,जो टीडीएस,फॉर्म 16 और अन्य स्रोतों से डेटा स्वचालित रूप से भरते हैं। सीए मनीष श्रीवास ने सलाह दी कि करदाताओं को अंतिम क्षण तक इंतजार नहीं करना चाहिए,क्योंकि पोर्टल पर अंतिम दिनों में ट्रैफिक बढ़ने से समस्याएं हो सकती हैं।यदि करदाताओं को कोई जटिलता आ रही है,तो वे उनके कोहका स्थित कार्यालय में उनसे संपर्क कर सकते हैं।
आईटीआर फाइलिंग के प्रमुख बिंदु:
कौन फाइल करे?
सभी व्यक्ति जिनकी कुल आय ₹2.5 लाख (पुरानी कर व्यवस्था में) या ₹3 लाख (नई कर व्यवस्था में) से अधिक है, या जिन्हें रिफंड क्लेम करना है।
दंड क्या है?
देरी से फाइलिंग पर ₹5,000 तक का लेट फीस लग सकता है, और यदि आय ₹5 लाख से कम है तो ₹1,000।
उपलब्ध फॉर्म: आईटीआर-1 से आईटीआर-7 तक,आय के स्रोत के आधार पर।
ऑनलाइन प्रक्रिया: इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट incometaxindia.gov.in पर ई-फाइलिंग पोर्टल के माध्यम से।
भवदीय
डॉ. प्रतीक उमरे
पूर्व एल्डरमैन
नगर निगम दुर्ग।