*पुरानी बातों को त्यागें, सकारात्मकता से जीवन सजाएँ – बीके स्वाति दीदी*
13 सितम्बर 2025, बिलासपुर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, बिलासपुर की मुख्य शाखा, टेलीफोन एक्सचेंज रोड स्थित राजयोग भवन सेवाकेंद्र में आयोजित पांच दिवसीय पॉजिटिव थिंकिंग क्लास में सेवाकेन्द्र संचालिका बीके स्वाति दीदी ने जीवन को सुंदर बनाने के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने का संदेश दिया। दीदी ने कहा कि जीवन में सफलता पाने और संबंधों को मधुर बनाए रखने के लिए हमें पुरानी सड़ी हुई बातों पर चिंतन नहीं करना चाहिए। अतीत की नकारात्मक यादें रिश्तों में दूरी और मन में बोझ पैदा करती हैं,
इसलिए उन्हें त्याग देना ही सच्ची प्रगति का मार्ग है। उन्होंने समझाया कि जैसे खेत में यदि खराब बीज बो दिए जाएं तो फसल अच्छी नहीं होती, वैसे ही यदि मन में बार-बार पुरानी शिकायतों और कड़वाहटों को दोहराया जाए, तो जीवन में खुशहाली और आत्मिक शांति नहीं आ सकती। जो बीत गया उसे भूलकर, वर्तमान को संवारना ही सच्चा योग और वास्तविक सकारात्मक सोच है।
बीके स्वाति दीदी ने उदाहरण देते हुए कहा कि यदि दृढ़ संकल्प की शक्ति हो, तो बंजर या कलराठी जमीन में भी बीज अंकुरित होकर फल दे सकता है। इसी प्रकार यदि इंसान अपने विचारों में दृढ़ता और सकारात्मकता लाता है तो कितनी भी कठिन परिस्थितियाँ क्यों न हों, वह सफलता प्राप्त कर सकता है। कठिनाइयाँ जीवन का हिस्सा हैं, लेकिन मजबूत संकल्प और सकारात्मक सोच उन्हें अवसरों में बदल देती है। दृढ़ता वह अदृश्य शक्ति है जो असंभव को संभव बना देती है। परिस्थितियाँ कैसी भी हों, यदि इंसान अपने लक्ष्य के प्रति अटल रहता है तो सफलता निश्चित है। जैसे बंजर जमीन में मेहनत और देखभाल से हरा-भरा बाग लग सकता है, वैसे ही दृढ़ संकल्प से जीवन की हर कठिनाई पर विजय पाई जा सकती है। दृढ़ता हमें हार मानने से रोकती है और आत्मविश्वास को मजबूत करती है।
उन्होंने यह भी कहा कि हर इंसान को यह स्मृति रखनी चाहिए कि “हम प्रभु की अमानत हैं।” जब हम स्वयं को परमात्मा की धरोहर मानते हैं तो जीवन में ईमानदारी, जिम्मेदारी और पवित्रता स्वतः आ जाती है। नकारात्मक सोच और द्वेष भाव मिटाकर जब हम रिश्तों को प्रेम, सहयोग और सहिष्णुता से निभाते हैं तो परिवार, समाज और कार्यस्थल सभी जगह वातावरण मधुर और सामंजस्यपूर्ण बनता है।
ईश्वरीय सेवा में,
बीके स्वाति
राजयोग भवन, बिलासपुर