ग्राम कल्याणपुर में संगीत में राम कथा का आयोजन गायत्री मंदिर के पास किया जा रहा है जिसमें राम कथा का रसपान कथा वाचिका श्री राम प्रिया पूजा तिवारी मुर वाले के द्वारा

ग्राम कल्याणपुर में संगीत में राम कथा का आयोजन गायत्री मंदिर के पास किया जा रहा है जिसमें राम कथा का रसपान कथा वाचिका श्री राम प्रिया पूजा तिवारी मुर वाले के द्वारा

ग्राम कल्याणपुर में संगीत में राम कथा का आयोजन गायत्री मंदिर के पास किया जा रहा है जिसमें राम कथा का रसपान कथा वाचिका श्री राम प्रिया पूजा तिवारी मुर वाले के द्वारा
ग्राम कल्याणपुर में संगीत में राम कथा का आयोजन गायत्री मंदिर के पास किया जा रहा है जिसमें राम कथा का रसपान कथा वाचिका श्री राम प्रिया पूजा तिवारी मुर वाले के द्वारा कराया जा रहा है कथा मे छठवें दिन धनुष यज्ञ राम विवाह विदाई का चरित्र अर्थ सुनते हुए बताया कि किशोरी सीता के लिए योग्य वर प्राप्त करना कठिन हो गया क्योंकि सीता ने मानव योनि में जन्म नहीं लिया था अंत में राजा जनक ने सीता के लिए स्वयंवर रचा एक बार दक्ष यछके अवसर पर वरुण देव ने जनक को 
 एक धनुष और बाणो से आपूर्ति दो तरकश दिए थे वह धनुष अनेक लोग मिलकर भी नहीं दिला पाते थे राजा जनक ने घोषणा की की जो मनुष्य धनुष को उठाकर प्रत्यंचा चढ़ा देगा उससे वह सीता का विवाह कर देगा राजा इसकसौटी पर असफल रहे तो अपना अपमान जानकर जनकपुरी को तहस- नहस कर डालेगा राजा जनक ने अपनी तपस्या से देवताओं को प्रसन्न किया तथा उनकी चतुरगिड़ी ने उन राजाओं को परास्त किया राजा जनक ने यह वितान जानकर विश्वामित्र से राम लक्ष्मण को वह धनुष दिखलाने की इच्छा प्रकट की एवं धनुष यज्ञ में भाग लेकर माता सीता को अपनी अर्धांगिनी के रूप में प्राप्त किया

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