*त्योहारों की आड़ में अमानक मिठाई और खाद्य पदार्थों की बिक्री में वृद्धि,निष्क्रिय बना हुआ है खाद्य विभाग - डॉ. प्रतीक उमरे*

*त्योहारों की आड़ में अमानक मिठाई और खाद्य पदार्थों की बिक्री में वृद्धि,निष्क्रिय बना हुआ है खाद्य विभाग - डॉ. प्रतीक उमरे*

*त्योहारों की आड़ में अमानक मिठाई और खाद्य पदार्थों की बिक्री में वृद्धि,निष्क्रिय बना हुआ है खाद्य विभाग - डॉ. प्रतीक उमरे*

*त्योहारों की आड़ में अमानक मिठाई और खाद्य पदार्थों की बिक्री में वृद्धि,निष्क्रिय बना हुआ है खाद्य विभाग - डॉ. प्रतीक उमरे*
दुर्ग नगर निगम के पूर्व एल्डरमैन भाजपा नेता डॉ. प्रतीक उमरे ने जिला कलेक्टर अभिजित सिंह से त्योहारी सीजन में बढ़ती अमानक मिठाई और खाद्य पदार्थों की बिक्री पर तत्काल कठोर कार्रवाई की मांग की है।डॉ. प्रतीक उमरे ने कहा कि सावन माह के साथ ही त्योहारी सीजन की शुरुआत हो चुकी है और इस दौरान शहर में विभिन्न प्रकार की मिठाइयों और खाद्य पदार्थों की बिक्री बड़े पैमाने पर हो रही है।लेकिन इन खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता और मिलावट की जांच के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं,जिसके कारण जनस्वास्थ्य पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।डॉ. प्रतीक उमरे ने खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए कहा कि खाद्य विभाग द्वारा दुकानों पर छापेमारी तो की जाती है,लेकिन यह केवल औपचारिकता तक सीमित रहती है।जिले में एक हजार से अधिक खाद्य सामग्री की दुकानें हैं,लेकिन इनमें से मुश्किल से एक दर्जन दुकानों की भी जांच नहीं हो पाती।उन्होंने बताया कि जिन मामलों में मिलावट पकड़ी भी जाती है,वहां दुकानदारों के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं की जाती,जिससे मिलावटखोरों के हौसले और बुलंद हो रहे हैं।उन्होंने कहा कि आगामी त्योहारी सीजन में रक्षाबंधन,जन्माष्टमी,गणेश चतुर्थी, तीजा,पोला जैसे प्रमुख त्योहारों के दौरान मिठाई और अन्य खाद्य पदार्थों की मांग में भारी वृद्धि होने वाली है।इस दौरान अमानक और मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री से आम लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा निरीक्षकों की नियुक्ति की गई है,जिन्हें प्रत्येक माह 5 से 6 नमूने एकत्र करने का लक्ष्य भी दिया जाता है।इसके बावजूद, अमानक खाद्य पदार्थों की जांच में लापरवाही बरती जा रही है,जो जनस्वास्थ्य के साथ सीधा खिलवाड़ है।डॉ. प्रतीक उमरे ने कहा कि खाद्य विभाग को अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से लेते हुए तत्काल कदम उठाने चाहिए ताकि त्योहारी सीजन में लोगों को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण खाद्य पदार्थ उपलब्ध हो सकें।

*प्रावधान*
खाद्य सामग्रियों में मिलावट साबित होने पर तीन लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक जुर्माना के साथ ही दो वर्ष से लेकर 10 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है।अगर मिलावटी खाद्य सामग्रियों के खाने से किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो 10 लाख रुपये जुर्माना के साथ आजीवन कारावास भी हो सकता है।इसके अलावा अगर रैपर में अंकित बैच संख्या धुंधला है और पढ़ने परेशानी रही है तो ऐसे दुकानदारों को भी धारा 52 के तहत तीन लाख रुपये जुर्माना करने का प्रावधान है।


भवदीय
डॉ. प्रतीक उमरे
पूर्व एल्डरमैन
नगर निगम दुर्ग।

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