*गर्मी की छुट्टी में बच्चे घूम रहे ननिहालों के घर, गांवों में आज भी सगा जाने की परंपरा कायम*
गर्मी की छुट्टियों का नाम आते ही बच्चों के चेहरों पर एक अलग ही चमक आ जाती है। पढ़ाई के तनाव और स्कूल की दिनचर्या से दूर, यह समय होता है बेफिक्र होकर मस्ती करने और अपने अपनों के साथ यादगार पल बिताने का। शहरों के बच्चों के लिए यह छुट्टियाँ खासकर इसलिए भी यादगार होती हैं क्योंकि वे इस समय का अधिकांश हिस्सा अपने ननिहालों में बिताते हैं। इस वर्ष भी हजारों बच्चे अपने माता-पिता के साथ या अकेले ननिहालों की ओर रवाना हो चुके हैं। गांवों की मिट्टी, तालाब, बगीचे, आम के पेड़ और दादी-नानी के हाथ का बना हुआ स्वादिष्ट खाना – ये सब बच्चों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं होता।ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी ननिहाल जाना केवल एक पारिवारिक रिवाज नहीं, बल्कि भावनात्मक और सांस्कृतिक जुड़ाव का प्रतीक है। नानी-नाना के घर की स्नेहिल गोद,