बेमेतरा:- तेलघानी उद्योग युवाओं और किसानों के लिए आत्मनिर्भरता का माध्यम बनेगा – जितेन्द्र साहू
मेघू राणा बेमेतरा। छत्तीसगढ़ तेलघानी विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री जितेन्द्र साहू जी का सरगुजा प्रवास सिर्फ एक प्रशासनिक दौरा नहीं था, बल्कि यह किसानों और युवाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की एक यथार्थवादी पहल के रूप में उभरा है। श्री साहू जी ने कहा
तेलघानी उद्योग युवाओं और किसानों के लिए आत्मनिर्भरता का माध्यम बनेगी।
उन्होंने कहा कि आज की आवश्यकता है कि कृषि को नवाचारों से जोड़ा जाए। छत्तीसगढ़ की भूमि उपजाऊ है, किसान मेहनती हैं, परंतु उनकी मेहनत तब ही सार्थक होगी जब उसे आधुनिकता और बाज़ार से जोड़ा जाए। इसी सोच के साथ तेलघानी विकास बोर्ड ने अपनी योजनाएं तैयार की हैं।
हम किसान को केवल उत्पादक नहीं, बल्कि उद्यमी बनाना चाहते हैं। हम युवा को केवल नौकरी का आकांक्षी नहीं, बल्कि रोजगारदाता बनाना चाहते हैं।"
सरगुजा प्रवास के दौरान उन्होंने किसानों से सीधे संवाद कर ऑर्गेनिक खेती और तिलहन उत्पादन की संभावनाओं को समझा। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब हमें तेल पेराई , प्रसंस्करण (Processing) और विपणन (Marketing) के आधुनिक उपकरणों को अपनाकर खेती को लाभकारी व्यवसाय में बदलना होगा।
श्री साहू जी ने अलग अलग स्थानों में स्थापित तेलघानी मशीनों को भी देखा। उन्होंने कहा कि बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षण देकर तेलघानी यूनिट की स्थापना कराई जाएगी, ताकि वे अपने गांव में ही स्थायी रोजगार पा सकें। साथ ही, स्थानीय बाजार के लिए गुणवत्तापूर्ण उत्पाद तैयार कर सकें।
युवाओं को सिर्फ प्रशिक्षण नहीं मिलेगा,उन्हें विश्वास और संसाधन भी मिलेंगे – ताकि वे खुद के लिए और दूसरों के लिए भी रोज़गार का रास्ता खोल सकें।"
उन्होंने यह भी कहा कि माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी की दूरदर्शी सोच के अनुरूप, तेलघानी विकास बोर्ड की योजना छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए एक नई जीवनरेखा सिद्ध होगी।
यह पहल एक उन्नत छत्तीसगढ़ की ओर कदम है – जहां किसान जागरूक होगा, युवा आत्मनिर्भर होगा और गांव समृद्ध होगा।
श्री साहू जी ने सभी जनप्रतिनिधियों, किसानों, युवाओं और स्थानीय नागरिकों से आह्वान किया कि वे इस अभियान से जुड़ें और इसे आंदोलन बनाएं।
श्री जितेन्द्र साहू जी की यह दूरदर्शी और व्यावहारिक सोच निश्चित ही तेलघानी उद्योग को पुनर्जीवित करने के साथ-साथ, छत्तीसगढ़ को आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में एक नई ऊंचाई तक ले जाएगी।