तृतीय लिंग के प्रति रहें संवेदनशील-रहें उदार; वे भी समाज के अंग

तृतीय लिंग के प्रति रहें संवेदनशील-रहें उदार; वे भी समाज के अंग

तृतीय लिंग के प्रति रहें संवेदनशील-रहें उदार; वे भी समाज के अंग

तृतीय लिंग के प्रति रहें संवेदनशील-रहें उदार; वे भी समाज के अंग 


सीटीई के प्राचार्य डॉ योगेश शिवहरे के मार्गदर्शन में गरिमा गृह से तृतीय लिंग विद्या ,देव व रवीना ने , शासकीय शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय शंकर नगर रायपुर में बीएड चतुर्थ सेमेस्टर की एक दिन का वर्कशॉप में तृतीय लिंग का इतिहास-दृष्टिकोण, प्राचीन समय से है। प्रेस को जारी विज्ञप्ति में विभागीय बीएड छात्राध्यापक हेमधर साहू ने बताया कि - वर्कशॉप में तृतीय लिंग की समस्या व समाधान पर परिवार , समाज एवं स्कूल की भागीदारी पर भी विस्तार से बातें रखीं गई। कार्यशाला के प्रारंभ में डा. लता मिश्रा जी देव व विद्याजी का परिचय एवं शिक्षा पर प्रकाश डालते डॉक्टर लता मिश्रा ने , शिक्षक होने के नाते हम तृतीय लिंग बच्चों को पहचान कर संरक्षण कैसे कर सकते हैं एवं समाज में सम्मान जनक एवम् सुरक्षित स्थान दिलाने में शिक्षकों की विशेष भूमिका बताया । 

विद्या राजपूत एवं रवीना बरिहा एवं देव जी अपने संघर्ष जिंदगी से अवगत कराया साथी बचपन से लेकर के अब तक उनके जीवन संघर्ष तथा शिक्षा में आने वाली बधाओ से अवगत कराया एवं अपने जैसे व्यक्तियों बच्चों को पहचान कर उन्हें सुरक्षा प्रदान करने एवं शिक्षा में आगे बढ़ाने के लिए मदद करने के लिए शिक्षकों से आग्रह किया , शिक्षकों के साथ संस्था से वार्तालाप करके शिक्षकों का दिल जीत लिया उपस्थित छात्राध्यापकों ने विभिन्न प्रश्नों के माध्यम से अपनी शंकाओं का समाधान किया प्रश्न भी किये,व पुरस्कृत भी हुए तथा उपस्थित तीनों तृतीय लिंग के व्यक्तियों द्वारा प्राचार्य का आभार व्यक्त करते । तृतीय लिंग के प्रति समानता -उदारता का भाव रखने का आह्वान किया। कार्यक्रम में सभी सभी छात्र अध्यापकों ने बहुत ही धैर्य पुरुष सुना ।


विद्या जी ने बताया 15/4/2014 को माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा तीसरे लिंग को मान्यता मिलने के बाद, तृतीय लिंग की दशा में काफी सुधार आया है , प्रतिदिन व्यक्तियों को आगे लाने के लिए विद्यार्थी और रवीना द्वारा मितवा समिति के माध्यम से लगातार प्रयास किया जा रहा है तथा शासन की मदद से व्यक्तियों को सम्मान उचित स्थान दिलवाने के लिए लगातार संघर्ष जारी है । 

संघर्ष का ही परिणाम है छत्तीसगढ़ शासन 13 तृतीय लिंग को कांस्टेबल व 9 को बस्तर फाइटर के रुप नियुक्ति मिली है, विद्या जी रवीना देव जी के द्वारा विभिन्न संस्थाओं में जाकर जन जागरूकता का कार्यक्रम, जेंडर आधारित शिक्षा में, तृतीय लिंग पर जन-जागरूकता अभियान चलायें जा रहें हैं। कार्यक्रम के अंत में योगेश्वरी महाडिक द्वारा संवेदनशील मुद्दों को बेहतरीन तरीके से प्रस्तुत करने के लिए वक्ताओं का आभार प्रदर्शन किया गया। । कार्यक्रम में समस्त अकादमी सदस्य उपस्थित है

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