छत्तीसगढ़ के सरकारी दफ्तरों में छत्तीसगढ़ी में हो बात और काम,महाराष्ट्र की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ी को अनिवार्य करने भाजपा नेता डॉ. प्रतीक उमरे ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
छत्तीसगढ़ के सरकारी दफ्तरों में छत्तीसगढ़ी में हो बात और काम, महाराष्ट्र की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ी को अनिवार्य करने भाजपा नेता डॉ. प्रतीक उमरे ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
दुर्ग नगर निगम के पूर्व एल्डरमैन भाजपा नेता डॉ. प्रतीक उमरे ने महाराष्ट्र की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ी भाषा को अनिवार्य करने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आग्रह किया है।डॉ. प्रतीक उमरे ने कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा छत्तीसगढ़ राज्य के लोगों के सम्मान और पहचान का विषय है इसलिए छत्तीसगढ़ के सरकारी दफ्तरों में छत्तीसगढ़ी में बात और काम होनी चाहिए।महाराष्ट्र सरकार ने गवर्नमेंट और सेमी-गवर्नमेंट ऑफिसों में हर तरह के संवाद के लिए मराठी को अनिवार्य कर दिया है।उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के सभी नगरीय निकायों, सरकारी निगमों और सहायता प्राप्त संस्थानों में भी छत्तीसगढ़ी का इस्तेमाल लागू किया जाना चाहिए।यह भाषाई अस्मिता के लिए बहुत शानदार एवं अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय कदम साबित होगा।डॉ. प्रतीक उमरे ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य को बने 24 वर्ष हो चुके हैं लेकिन अब तक छत्तीसगढ़ी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में तक शामिल नहीं किया गया है।उसे मान्यता तक नहीं मिली जो सोचने वाली बात है।नई शिक्षा नीति का प्रयास हो रहा है लेकीन छत्तीसगढ़ी भाषा को बढ़ावा नहीं दिया जा रहा है।इसलिए प्राथमिक शिक्षा की पढ़ाई लिखाई से लेकर सरकारी कामकाज में छत्तीसगढ़ी भाषा होनी चाहिए।ताकि हमारी संस्कृति और भाषा को बचाने का प्रयास हो सके।