प्राचार्य डा योगेश शिवहरे के मार्गदर्शन में शासकीय शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय शंकर नगर रायपुर में, रक्तदान की महत्ता व एड्स जागरूकता विषय पर कार्यशाला का आयोजन

प्राचार्य डा योगेश शिवहरे के मार्गदर्शन में शासकीय शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय शंकर नगर रायपुर में, रक्तदान की महत्ता व एड्स जागरूकता विषय पर कार्यशाला का आयोजन

प्राचार्य डा योगेश शिवहरे के मार्गदर्शन में शासकीय शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय शंकर नगर रायपुर में, रक्तदान की महत्ता व एड्स जागरूकता विषय पर कार्यशाला का आयोजन

प्राचार्य डा योगेश शिवहरे के मार्गदर्शन में शासकीय शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय शंकर नगर रायपुर में, रक्तदान की महत्ता व एड्स जागरूकता विषय पर कार्यशाला का आयोजन 


महाविद्यालय छात्र अध्यापकों के लिए संवेदनशील विषयों पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करता रहता है इसी श्रृंखला में आज महाविद्यालय में आज प्राचार्य डा योगेश शिवहरे के मार्गदर्शन में शासकीय शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय शंकर नगर रायपुर में, रक्तदान की महत्ता व एड्स जागरूकता विषय पर कार्यशाला रखी गई, महाविद्यालय के अकादमिक सदस्यों एवं छात्र अध्यापकों की टीम बनी हुई है इसमें आलोक शर्मा ने अनेक बार रक्तदान किया हैं तथा हमेशा बच्चों को मोटिवेट करते रहते हैं जो कॉलेज के लिए प्रेरक है,। 

कार्यक्रम समन्वयक जिन्होंने अपने जीवन में 15 बार रक्तदान कर चुकी डा. लता मिश्रा ने बताया कि- रक्त का कोई विकल्प नहीं है, इसलिए जीवन में हमें रक्तदान अवश्य करना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने, विषय विशेषज्ञ डॉक्टर शब्बीर खान मेंकाहारा ने टीम के साथ शासकीय शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय में बीएड एवं m.Ed की छात्रा अध्यापकों को रक्तदान की महत्ता एवं एड्स की प्रति जागरूकता लाने हेतु विभिन्न जानकारियां दी जिसमें सभी छात्र अध्यापकों ने ध्यानपूर्वक जानकारी लेते हुए अपनी आशंकाओं को भी निदान किया रक्तदान से होने वाले लाभ से अवगत हुए । कौन-कौन रक्तदान कर सकता है जानकारी देते हुए ? समाज के शिक्षकों को जागरूक रहने एवं समाज में जागरूकता लाने संकल्प लिया, साथ ही स्वस्थ जीवन जी कर समाज के सामने उदाहरण प्रस्तुत करने की बात की गई।

 विषय विशेषज्ञ द्वारा एड्स एचआईवी नियंत्रण,रोकथाम हेतु शासकीय स्तर पर काम करने वाली एजेंसियों की भी जानकारी दी गई ।छात्राध्यापकों को एड्स की जानकारी देते हुए इससे बचाव के उपाय बताए तथा उन्होंने कहा कि--एड्स की जानकारी ही ,बचाव है । एड्स की जानकारी होने पर प्रथम स्टेज में इस बीमारी को 90 प्रतिशत ठीक किया जा सकता,इस बीमारी के तीन स्टेज है, इसलिए बीमारी को छिपाना नहीं चाहिए। कार्यक्रम समस्त अकादमी सदस्य श्रीमती भावना चौहान कल्पना देशमुख, योगेश्वरी महादिक डॉ सीमा अग्रवाल ,शेष शुभ ,धारा बेन समस्त छात्र अध्यापक b.Ed एवं med शामिल हुए

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