भाजपा नेता डॉ.प्रतीक उमरे ने आईपीएल सट्टा पर पूर्ण रूप से लगाम लगाने एवं सट्टेबाजों को सरंक्षण देने में संलिप्त पुलिस कर्मियों पर कड़ी कार्यवाही करने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से किया मांग

भाजपा नेता डॉ.प्रतीक उमरे ने आईपीएल सट्टा पर पूर्ण रूप से लगाम लगाने एवं सट्टेबाजों को सरंक्षण देने में संलिप्त पुलिस कर्मियों पर कड़ी कार्यवाही करने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से किया मांग

भाजपा नेता डॉ.प्रतीक उमरे ने आईपीएल सट्टा पर पूर्ण रूप से लगाम लगाने एवं सट्टेबाजों को सरंक्षण देने में संलिप्त पुलिस कर्मियों पर कड़ी कार्यवाही करने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से किया मांग

भाजपा नेता डॉ.प्रतीक उमरे ने आईपीएल सट्टा पर पूर्ण रूप से लगाम लगाने एवं सट्टेबाजों को सरंक्षण देने में संलिप्त पुलिस कर्मियों पर कड़ी कार्यवाही करने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से किया मांग


दुर्ग नगर निगम के पूर्व एल्डरमैन भाजपा नेता डॉ. प्रतीक उमरे ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आईपीएल सट्टा पर पूर्ण रूप से लगाम लगाने की मांग किया है।डॉ. प्रतीक उमरे ने बताया कि मॉ – बाप बच्चों से उम्मीद लगाएं बैठे होते है कि की बेटा देश और मॉ-बाप का नाम ऊंचा करेगा,परन्तु उनकी संतान आईपीएल व ऑनलाइन फर्जी गेमिंग और बैटिंग एप आदि में फंसा हुआ है।हालात ये हैं कि कई युवक मौत तक को गले लगा चुके हैं। इधर, बुक चलाने वाले सौदागार युवकों से खेल-खेल में रुपए कमाकर चांदी कूट रहे हैं।आईपीएल सट्टे में फंसे कई व्यवसायी व आम लोगों के घर और जमीन तक बिक गये,तो कई नौकरी-पेशा वाले युवा लाखों के कर्ज में डूबे हुए हैं।प्रदेश की युवा पीढ़ी बर्बादी के कगार पर है।आईपीएल में सट्टे के काले कारोबार ने युवाओं को बर्बादी की कगार पर ला दिया है। ब्याजखोर सट्टा खिलाने वालों ने ब्याज पर पैसे देकर युवाओं को अपने जाल में फंसा रखा है।अब उन्हें सट्टे की लत इस कदर लग गई है कि वे चाहकर भी इससे अलग नहीं हो पा रहे हैं। सट्टेबाजों ने पूरे प्रदेश में इस तरह जाल बिछा रखा है कि उन्हें पल-पल की जानकारी लग जाती है। इनके कर्ता-धर्ता युवा वर्ग को पैसे देकर सट्टा खिलवाते हैं और समय से पैसे वापस न होने पर ब्याज की शुरुआत हो जाती है। इनके जाल में फंसे युवा समय पर पैसे न दे पाने पर इनकी जी-हुजूरी में लग जाते हैं।आईपीएल के साथ ही ऑनलाइन फर्जी गेमिंग और बैटिंग एप से भी लोगों को चूना लगाया जा रहा है। बड़ों से बच्चों तक को लालच में फंसाकर रकम लगवाई जा रही है। कम रकम पर ज्यादा मुनाफा देकर वापस करते हैं और ज्यादा रकम लगाते ही एप बंद कर देते हैं। सर्वर विदेशी होने की वजह से पुलिस आरोपियों तक नहीं पहुंच पाती।

अरबों का सट्टा बाजार

भारत का ऑनलाइन खेल सट्टेबाजी बाजार 2024 में ₹160 बिलियन से अधिक तक पहुंचने का अनुमान है, जबकी ऑफलाइन ₹160 बिलियन से कही अधिक का बाजार है, जिसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा ऑनलाइन ऑफलाइन आईपीएल सट्टा के कारण है।हर साल अधिक से अधिक सट्टेबाज इसमें शामिल हो रहे हैं,युवा साइन-अप करके और खेल सट्टेबाजी के इस रूप के रोमांच का अनुभव करने के लिए सर्वोत्तम प्लेटफार्मों की तलाश कर रहे हैं। सट्टेबाजो ने कुछ युवाओं को तो बिल्कुल बर्बाद करके रख दिया है। बेहतरीन ऐप्स बताकर इस एप्लीकेशन का चयन करने के लिए किया जाता है, जिनका उपयोग भारत में कोई भी सट्टेबाज कर सकते हैं। एक बार जब आप अपनी पसंद पर निर्णय ले लेते हैं। तो उनके साथ साइन-अप करने और उनके साइन-अप बोनस ऑफर का लाभ उठाने के लालच में पैसा बर्बाद करते है।आज कल गुमराह करने वाले लोगो की भी कमी नहीं है।आईपीएल सट्टा का बाजार इतना गरम है कि युवा आईपीएल शुरू होते ही फ़ोन कॉल, व्हाट्सप्प, टेक्स्ट एसएमएस ओर व्हाट्सप्प कॉल्स शुरू हो जाती है।हर ओवर की बॉल पर भाव लगाया जाता है, यह ब्लैक मनी कहाँ जाती है? देश को कौन खोखला कर रहा है? ऐसी अवैध गतिविधियों के बारे में कोई जानना नहीं चाहता है,युवा ऐसी बातों को जानना उचित भी नहीं समझते है। मॉ-बाप अपनी सन्तानो को समझाने की कोशिश भी करते है पर वह फिर भी नहीं मानते। पूर्व एल्डरमैन डॉ.प्रतीक उमरे ने कहा कि आईपीएल सट्टा पर जल्द लगाम नहीं लगाया गया तो छत्तीसगढ़ की युवा पीढ़ी पुरी तरह से बर्बाद हो जायेगी।इस पर तत्काल कड़ी कार्यवाही कर पूर्ण रूप से लगाम लगाने की आवश्यकता है।

क्या है सजा का प्रावधान

वित्त विभाग के प्रस्ताव में जुआ-सट्‌टाघर चलाने वालों पर 3 साल की सजा व 10 लाख ₹ का जुर्माना का प्रावधान है।जबकि जुआ-सट्‌टा खेलते हुए पहली बार पकड़े जाने वाले पर 50 हजार रुपए का जुर्माना, दूसरी बार पकड़े जाने पर एक लाख तक का जुर्माना और तीसरी बार पकड़े जाने पर 5 लाख रुपए तक के जुर्माना शामिल किया गया है।उसके बावजूद पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं करना संदेहस्पाद है। पिछले कुछ समय से आईपीएल सट्टा मे कुछ पुलिस वालों की संलिप्तता भी सामने आई है,लेकीन इस पर कार्यवाही के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति किया जाता रहा है।इसलिए सट्टेबाजी में संलिप्त संदिग्ध पुलिस अधिकारियों की संलिप्तता की भी जांच कर कठोर कार्यवाही करने की मांग डॉ. प्रतीक उमरे ने मुख्यमंत्री से किया है।


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