सांसद विजय बघेल ने देवउठनी पर्व पर गौ माताओं का पूजा कर, बंधवाया सोहाई

सांसद विजय बघेल ने देवउठनी पर्व पर गौ माताओं का पूजा कर, बंधवाया सोहाई

सांसद विजय बघेल ने देवउठनी पर्व पर गौ माताओं का पूजा कर, बंधवाया सोहाई

सांसद विजय बघेल ने देवउठनी पर्व पर गौ माताओं का पूजा कर, बंधवाया सोहाई

सांसद ने पत्नि व परिवार के साथ किया तुलसी पूजन


दुर्ग / लोकसभा क्षेत्र के सांसद विजय बघेल ने अपने निज निवास सेक्टर 5 भिलाई में देव उठनी एकादशी पर्व बड़े ही हर्षोलास के साथ मनाया!
   
देवउठनी एकादशी पर्व के अवसर पर यादव बंधुओं के साथ में घर के सभी गायों को सोहाई बांधकर,गौ-माता की पूजा अर्चना किया! साथ ही एकदशी तुलसी विवाह पर अपनी धर्मपत्नी श्रीमती रजनी बघेल व परिवार के साथ तुलसी महारानी की पूजा कर उत्सव मनाया!

सांसद निवास पर देवउठनी पर्व पर यादव बंधु भगवानी यादव ने दौहे पारकर आशीष दिया! सांसद विजय बघेल ने बताया की इस दिन भगवान श्री हरि राजा बलि के राज्य से विश्राम कर बैकुंठ लौटे थे भगवान विष्णु घोर निद्रा से जागते हैं इस दिन तुलसी विवाह भी किया जाता है, जब तक जगत के पालनहार निद्रा में होते है तब तक किसी भी तरह से मांगलिक काम नहीं किया जाता है! देवउठनी एकादशी पर्व के दिन भगवान विष्णु की पुजा अर्चना की जाती है!कार्तिक शुक्ल एकादशी तिथि को ही तुलसी और शालिकराम जी का विवाह किया जाता है! मान्यता यह है कि तुलसी विवाह संपन्न करवाने से कन्यादान के समान फल की प्राप्ति होती है को देव जागरण का पर्व माना गया है! 

इस दिन श्री हरि भगवान विष्णु अपनी चार महीने की योगनिद्रा से जाग जाते हैं इस पावन तिथि को देव उठनी एकादशी या देव प्रबोधिनी एकादशी भी कहते हैं ऐसा माना जाता है कि एकादशी के दिन चावल खाना महर्षि मेघा के मांस और रक्त के सेवन के बराबर है इसी कारण से चावल और जौ को जीवित प्राणी माना जाता है इस लिए एकदशी के दिन चावल का सेवन वार्जित किया गया है इस लिए एकादशी का व्रत सात।वित्विक रुप से पुरा किया जाता है ताकि एकादशी व्रत सात्विक रुप से पुरा हो सके इस दिन तुलसी विवाह का पर्व भी संपन्न होता है!
  

बघेल ने अंचलवाशियों के लिये सुख समृद्धि,तथा धन धान्य से सम्पन्नता रहें ऐसा कामना किया साथ ही देव उठनी एकादशी एवं तुलसी विवाह भगवान श्री विष्णु व माता तुलसी की कृपा आप सभी पर बनी रहें!

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