पचास वर्ष पूर्व नेपाली उत्तराखंड सार्वजनिक दुर्गा मंदिर में नवरात्रि में नौ दिन माँ दुर्गा के नौ रूपो के दर्शन एवं पूजन का कार्यक्रम होता है। साथ ही मनोकामना ज्योति कलश दोनो नवरात्रि में प्रज्ज्वलित की जाती है।इस बार भी नवरात्रि का पर्व धार्मिक रीति से पूजा अर्चना भक्ति भाव के बीच मनाया गया

पचास वर्ष पूर्व नेपाली उत्तराखंड सार्वजनिक दुर्गा मंदिर में नवरात्रि में नौ दिन माँ दुर्गा के नौ रूपो के दर्शन एवं पूजन का कार्यक्रम होता है। साथ ही मनोकामना ज्योति कलश दोनो नवरात्रि में प्रज्ज्वलित की जाती है।इस बार भी नवरात्रि का पर्व धार्मिक रीति से पूजा अर्चना भक्ति भाव के बीच मनाया गया

पचास वर्ष पूर्व नेपाली उत्तराखंड सार्वजनिक दुर्गा मंदिर में नवरात्रि में नौ दिन माँ दुर्गा के नौ रूपो के दर्शन एवं पूजन का कार्यक्रम होता है। साथ ही मनोकामना ज्योति कलश दोनो नवरात्रि में प्रज्ज्वलित की जाती है।इस बार भी नवरात्रि का पर्व धार्मिक रीति से पूजा अर्चना भक्ति भाव के बीच मनाया गया

पचास वर्ष पूर्व नेपाली उत्तराखंड सार्वजनिक दुर्गा मंदिर में नवरात्रि में नौ दिन माँ दुर्गा के नौ रूपो के दर्शन एवं पूजन का कार्यक्रम होता है। साथ ही मनोकामना ज्योति कलश दोनो नवरात्रि में प्रज्ज्वलित की जाती है।इस बार भी नवरात्रि का पर्व धार्मिक रीति से पूजा अर्चना भक्ति भाव के बीच मनाया गया



दल्लीराजहरा 24 अक्टूबर। नगर में एक लंबे समय से नेपाली एवं उत्तराखंड के लोग रहते आये है।।वे सभी माँ दुर्गा के उपासक है।पचास वर्ष पूर्व नेपाली उत्तराखंड सार्वजनिक दुर्गा मंदिर का निर्माण कराया था।इस मंदिर में नियमित रूप से पूजा -अर्चना होती है।वही नवरात्रि में नौ दिन माँ दुर्गा के नौ रूपो के दर्शन एवं पूजन का कार्यक्रम संपादित होता है। साथ ही मनोकामना ज्योति कलश दोनो नवरात्रि में प्रज्ज्वलित की जाती है।इस बार भी नवरात्रि का पर्व धार्मिक रीति से पूजा अर्चना भक्ति भाव के बीच मनाया गया।

उल्लेखनीय है कि नेपाली उत्तराखंड सार्वजनिक दुर्गा मंदिर का निर्माण वर्ष 1971 में कराया गया था।।मंदिर निर्माण के साथ ही माँ दुर्गा के प्रति क्षेत्र के लोगो की आस्था बढ़ती चली गई।माँ दुर्गा की मंदिरजी मे नियमित रूप से पूजा अर्चना होने लगी।साथ ही चैत्र एवं क्वार नवरात्रि में श्रद्धालुओं द्वारा ज्योति कलश की स्थापना की जाने लगी। इस बार नेपाली उत्तराखंड सार्वजनिक दुर्गा मंदिर में क्वांर नवरात्रि में 28 घी के ज्योति एवं 75 तेल के ज्योति कलश स्थापित किए गये।।नवमी तिथि को यज्ञ ,हवन कन्या भोज और विशाल भंडारा का आयोजन समिति द्वारा किया गया। नौ दिनों तक शिवशक्ति मानस मंडली द्वारा भजन माता के जस गाए गए। मंदिर समिति के सक्रिय कार्यकर्ता बाबूराम कडेल , गणेश शर्मा,महेश भट्ट,गुरूप्रसाद,दिनेश खर्कवाल, धर्मानंद भट्ट,संजय ,गिरिश खर्कवाल, जितेन्द्र प्रसाद,राहुल गुप्ता,अस्मित तिवारी का भरपूर सहयोग रहा। शिवशक्ति मानस मंडली से मोहिनी भट्ट,सरिता सिंह गौतम,हेमा शर्मा,अंबिका कंडेल,सुरेमन, शालिनी,रंजीता गुप्ता,शोभा शाह मेनका पासी शिवकांति सिंह,प्रियंका भट्ट का योगदान सराहनीय रहा।
 मंदिरजी में नवरात्र में प्रतिदिन मां दुर्गा के अलग,अलग नौ रूप की पूजा की गई। पूजा का समय सुबह नौ बजे से 11.50 तक निर्धारित की गई थी।इस दौरान पूजा के कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु सम्मिलित हुए।

श्रध्दालु स्वयं ज्योत प्रज्ज्वलित करते है...

नेपाली उत्तराखंड सार्वजनिक श्री दुर्गा मंदिर कई मायनों में श्रद्धालुओं का ध्यान अपनी ओर खींचती है।मंदिरजी में नियमित रूप से पूजा -अर्चना होने माँ दुर्गा की मनोहारी मूर्ति एवं श्रद्धालुओ की मनोकामना पूर्ण होने के कारण निष्ठा को बढ़ा देती है।मंदिर परिसर में प्रवेश के साथ ही मन में आनंद एवं शांति की अनूभूति होती है। नवरात्रि में प्रज्ज्वलित होने वाले जोत को श्रद्धालुओं द्वारा स्वयं अपने हाथों से प्रज्ज्वलित करने की व्यवस्था समिति द्वारा की गई है।मंदिर के पूजारी धर्मानंद भट्ट ने इस संबंध में बताया कि श्रध्दालु स्वयं माँ दुर्गा की ज्योत प्रज्ज्वलित कर माँ की छत्रछाया में अपने को सुरक्षित महसूस करते है।

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