ब्रह्माकुमारी, ओम शांति सरोवर, उसलापुर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बहुत ही धूमधाम एवं हर्षोल्लास से मनाया
ब्रह्माकुमारी, ओम शांति सरोवर, उसलापुर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बहुत ही धूमधाम एवं हर्षोल्लास से मनाया
ब्रह्माकुमारी, ओम शांति सरोवर, उसलापुर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बहुत ही धूमधाम एवं हर्षोल्लास से मनाया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में माननीया डॉक्टर छाया प्रकाश जी( पार्श्व गायिका , छालीवुड, राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित ) माननीय भ्राता श्री मुकेश सराफ जी (सेंट जेवियर स्कूल के सीओ ),श्रीमती अंजू सराफ बहनजी, माननीय भ्राता श्री लक्ष्मी नारायण मिश्रा जी (डीआईजी सीआरपीएफ भरनी बिलासपुर छत्तीसगढ़), श्रीमती कमला मिश्रा बहन जी, माननीय भ्राता श्री रामविलास गुप्ता जी (सीओ सीआरपीएफ भरनी बिलासपुर छत्तीसगढ़), श्रीमती शिवानी गुप्ता बहन जी, बी.के. मनीषा बहन (असिस्टेंट मैनेजर, शिवमणि जिरियेट्रिक होम, आबू रोड, राजस्थान) , बी.के. छाया बहन( सेंटर इंचार्ज ,ब्रह्माकुमारी, ओम शांति सरोवर, उस्लापुर बिलासपुर ) एवं अन्य गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति में दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया।
जिसमें छोटे छोटे बाल गोपाल, श्री राधा कृष्ण, श्री लक्ष्मी नारायण की बहुत सुंदर मनोरम झांकी का दर्शन लाभ मिला। बीके मनीषा बहन ने गीता के आध्यात्मिक रहस्य को बताते हुए कहा कि गीता सर्व शास्त्र शिरोमणि गाई हुई है क्योंकि उससे व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक, राष्ट्रीय एवं वैश्विक समस्याओं का समाधान प्राप्त होता है। गीता के ज्ञान को यदि व्यक्ति समझ ले तो साधारणता से महानता की ऊंचाइयों तक पहुंच सकता है। गीता में बहुत ही आध्यात्मिक रहस्य समाए हुए हैं जो कि हमें अच्छे कर्म करने की प्रेरणा देते हैं तथा गीता के द्वारा यह शिक्षा भी मिलती है कि कर्म करते जाएं लेकिन फल की इच्छा ना करें। गीता कर्मयोगी बनने की प्रेरणा देती है ना कि कर्म सन्यासी। इस प्रकार गीता की बहुत सुंदर आध्यात्मिक विवेचना व्यक्त की। बी.के. छाया बहन ने श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर समझाते हुए कहा कि यह पर्व हमें एक ऐसी नई दुनिया की स्मृति दिलाता है, जहां श्री राधे कृष्ण, श्री लक्ष्मी नारायण का राज्य है। जहां सुख, शांति ,समृद्धि है। श्री कृष्ण स्वयं सतयुग के प्रथम महाराजकुमार हैं जो सर्वगुण संपन्न, 16 कला संपूर्ण, संपूर्ण निर्विकारी, मर्यादा पुरुषोत्तम, अहिंसा परमोधर्म वाले हैं। श्री कृष्ण प्रथम पुरुष है, जिनका हम सभी श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन आवाहन कर रहे हैं कि वे सृष्टि पर आएं और पुनः इस सृष्टि पर धर्म की स्थापना हो जाए। श्री कृष्ण के भी रचयिता स्वयं परमपिता परमात्मा है। इस प्रकार अपनी शुभकामनाएं प्रस्तुत की। मुख्य अतिथि माननीया डॉक्टर छाया प्रकाश बहन जी ने भी अपने उद्बोधन में कहा कि हमें अपने माता-पिता एवं गुरुजनों का हमेशा सेवा एवं सम्मान करना चाहिए। उससे हमें दुआएं मिलती हैं और वही हमें सफलता की ओर ले कर जाती है। मेरे जीवन में भी मेरी सफलता का आधार मेरी माता पिता एवं गुरुजनों की दुआएं हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि मैं बहुत समय से ब्रह्माकुमारी संस्था से भी जुड़ी हुई हूं एवं समय प्रति समय ब्रह्माकुमारीज के सानिध्य द्वारा मुझे प्रेरणा मिलती रहती हैं और मैं चाहूंगी कि मैं हमेशा ही उनसे जुड़ी रहूं।
उसके पश्चात सीआरपीएफ, भरनी बिलासपुर से पधारे मुख्य अतिथि माननीय भ्राता श्री लक्ष्मी नारायण गुप्ता जी एवं श्री रामविलास गुप्ता जी तथा सेंट जेवियर स्कूल से भ्राता श्री मुकेश सराफ जी ने भी जन्माष्टमी पर्व की एवं ब्रह्माकुमारी संस्था के द्वारा दी जाने वाली शिक्षाओं की भी बहुत सराहना की तथा उन्होंने कहा कि यहां उन्हें बहुत ही प्रसन्नता एवं शांति अनुभूति हो रही है। इसके पश्चात बच्चों के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम में बहुत ही सुंदर गीत, कविताएं एवं नृत्य नाटिका भी प्रस्तुत किया गया। अत्यंत आनंद मंगल के साथ श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया गया।