CG में डेल्टा वैरिएंट की वजह से बढ़ा संक्रमण:बुजुर्गों, गंभीर बीमारों और बच्चों को अधिक खतरा; मरने वालों में 50% ने टीका ही नहीं लगवाया

CG में डेल्टा वैरिएंट की वजह से बढ़ा संक्रमण:बुजुर्गों, गंभीर बीमारों और बच्चों को अधिक खतरा; मरने वालों में 50% ने टीका ही नहीं लगवाया

CG में डेल्टा वैरिएंट की वजह से बढ़ा संक्रमण:बुजुर्गों, गंभीर बीमारों और बच्चों को अधिक खतरा; मरने वालों में 50% ने टीका ही नहीं लगवाया

CG में डेल्टा वैरिएंट की वजह से बढ़ा संक्रमण:बुजुर्गों, गंभीर बीमारों और बच्चों को अधिक खतरा; मरने वालों में 50% ने टीका ही नहीं लगवाया

छत्तीसगढ़ में कोरोना का बढ़ा हुआ संक्रमण डेल्टा वैरिएंट की वजह से है। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है यह कम खतरनाक है, लेकिन संक्रमण का खतरा इसमें ज्यादा है। यह कमजोर इम्यूनिटी वालों को तेजी से शिकार बना रहा है। यानी बुजर्गों, किडनी, हार्ट और लीवर की गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को अधिक खतरा है। एक गंभीर बात जो सामने आई है वह यह कि अभी कोरोना से मरने वालों में 50% लोगों ने कोरोनारोधी टीके का एक भी डोज नहीं लगवाया है।

छत्तीसगढ़ में महामारी नियंत्रण विभाग में संचालक डॉ. सुभाष मिश्रा कहते हैं, जुलाई में हुई मौतों की एक सामान्य बात देखी गई है। इसमें मरने वाले अधिकतर लोग गंभीर बीमारियों से पीड़ित रहे हैं। उनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है, ऐसे में कोरोना का संक्रमण उनके लिए घातक साबित हुआ है। पिछले दिनों 38 साल के युवक की मौत हुई। वह किडनी की गंभीर बीमारी से पीड़ित था। अस्पताल में उसका डायलिसिस चल रहा था। डॉ. मिश्रा ने बताया कि डेथ ऑडिट में एक और बात सामने आई है। पिछले सप्ताह एक ही दिन में 7 मौतें हुई थीं।

उसमें से तीन को टीके की दोनों डोज लगा था। एक को एक ही डोज लगा था, लेकिन तीन लोगों ने टीके की एक भी डोज नहीं लगवाया। डॉक्टरों का कहना है, यह लापरवाही कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वालों पर भारी पड़ सकती है। फिलहाल टीके के तौर पर हमारे पास सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत मौजूद है। वह आसानी से उपलब्ध है और उसके साइड इफेक्ट अभी तक सामने नहीं आए हैं। ऐसे में उससे संकोच करने की जरूरत नहीं है। सभी को टीके की दोनों डोज लगवा लेना चाहिए। दूसरे डोज लिए हुए छह महीने से अधिक हो गए उन्हें बूस्टर डोज भी लगवा लेना चाहिए। अब यह टीके सभी सरकारी केंद्रों पर नि:शुल्क लगाए जा रहे हैं।

जुलाई महीने में ही 20 मरीजों की जान गई

छत्तीसगढ़ में कई महीनों बाद जुलाई में कोरोना से हो रही मौतों का ग्राफ बढ़ा है। 24 जुलाई तक प्रदेश में 20 मरीजों की मौत हो चुकी है। इसमें से 18 लोगों को किडनी, लीवर, लंग्स या दिल की घातक बीमारी थी। कोरोना संक्रमण की चपेट में आने की वजह से उनकी स्थिति चिंताजनक हो गई। बाद में उन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। अब तक प्रदेश के 14 हजार 57 लाेगों की जान इस महामारी की वजह से जा चुकी है।

4.91% तक पहुंच गई कोरोना संक्रमण की दर

स्वास्थ्य विभाग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण की दर 4.91 के उच्चतम स्तर तक पहुंच गई है। फरवरी 2022 के बाद यह सबसे ऊंची दर है। रविवार को प्रदेश में तीन हजार 993 संदिग्ध नमूनों की जांच हुई। इस दौरान 196 लोगों में कोरोना का संक्रमण पाया गया। सबसे अधिक 39 मरीज रायपुर में मिले। उसके बाद रायगढ़ में 30, राजनांदगांव में 26, बिलासपुर में 20 और बलौदा बाजार में 17 नए मरीज मिले हैं। अब तक प्रदेश के 11 लाख 62 हजार 588 लोग इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं।

सबसे पहले यह वैरिएंट कैसे मिला?

डेल्टा वैरिएंट को भारतीय वैज्ञानिकों ने सबसे पहले महाराष्ट्र से अक्टूबर 2020 में लिए कुछ सैम्पल्स में पकड़ा था। INSACOG ने जनवरी में अपनी सक्रियता बढ़ाई तो पता चला कि महाराष्ट्र में बढ़ते मामलों के पीछे B.1.617 ही जिम्मेदार है।

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