दान पुण्य व पूजा अर्चना करके पितरों का किया गया विर्सजन

दान पुण्य व पूजा अर्चना करके पितरों का किया गया विर्सजन

 दान पुण्य व पूजा अर्चना  करके पितरों का किया गया विर्सजन

 दान पुण्य व पूजा अर्चना  करके पितरों का किया गया विर्सजन 

अश्वनी मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को आखिरी दिन था

पितृ पक्ष का 15 दिन तक पितर पक्ष का समय था जिन्हें हिंदू धर्म के अनुसार अपने अपने पूर्वजों को भोजन व पानी पहुंचे इसके लिए दान पुण्य किया गया वह कुंवारी कन्याओं को भोजन कराया गया  फल खिलाया गया आखिरी दिन सिंधी कॉलोनी मनोहर टाकीज जूना बिलासपुर में
समाज के  लोगों ने घरों के बाहर गोबर से लेपा किया गया फिर चावल के आटे से गोला बनाया गया गेहूं के आटे से  पंचमुखी दीपक बनाकर जला कर रखा गया जिस पर समस्त मोहल्ले के समाज के लोग बच्चे बूढ़े महिलाएं जवान सभी लोग चावल लेकर तीन बार गोला घुमा कर वहां पर अपनों से आशीर्वाद मांगा 
व   माफी मांगी अंत में सभी मोहल्ले के निवासी  उस दीपक को लेकर पचरीघाट पहुंचकर बिलासपुर की जीवनदायिनी अरपा  मैया नदी में विधि विधान के साथ दीपक को  विसर्जन किया

श्री विजय दुसेजा जी की खबर

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