ऑनलाइन कार्य, वाट्सएप्स, तत्काल डाक जैसे फरमानों से शिक्षकों के पढ़ाई कार्यों में बाधा बना रखा है, विभाग इसे तत्काल संज्ञान में लेकर बंद करें सरकार

ऑनलाइन कार्य, वाट्सएप्स, तत्काल डाक जैसे फरमानों से शिक्षकों के पढ़ाई कार्यों में बाधा बना रखा है, विभाग इसे तत्काल संज्ञान में लेकर बंद करें सरकार

ऑनलाइन कार्य, वाट्सएप्स, तत्काल डाक जैसे फरमानों से शिक्षकों के पढ़ाई कार्यों में बाधा बना रखा है, विभाग इसे तत्काल संज्ञान में लेकर बंद करें सरकार

ऑनलाइन कार्य, वाट्सएप्स, तत्काल डाक जैसे फरमानों से शिक्षकों के पढ़ाई कार्यों में बाधा बना रखा है, विभाग इसे तत्काल संज्ञान में लेकर बंद करें सरकार


राजनांदगांव//- छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडररेशन के राजनांदगांव जिलाध्यक्ष- शंकर साहू प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि शासन को संज्ञान लेने कहा है, ज्ञात हो कोरोना काल के बाद छत्तीसगढ़ में शिक्षा के नाम पर हो रही है कागजी खेल मात्र है, सरकार को पढ़ाई से कोई मतलब नही, जहां बच्चों को कोरोना काल  से निकाल अब थोड़ी बहुत 50% के दर से स्कूलों को खोला गया है, वही विभाग  इतना जल्दी शिक्षकों के ऊपर टूट पड़े है, जैसे इनको केवल कागजों में रिकार्ड चाहिए। शिक्षा के गुणवत्ता के लिए शिक्षक अभी पूरी कोशिश में लगे है और वह भी जानता है 50% उपस्थिति के हिसाब से पढ़ाने में समस्या भी आ रही है फिर भी शिक्षक अपना 100% देने तैयार है।

 राज्य और जिला स्तर में आए दिन रोज-रोज डाक का कार्य और अपने जिम्मेदारी को सीधे स्कूलों/ शिक्षकों के ऊपर डाल ऑनलाइन लिंक भेजकर थोपने की नई चलन शुरू म कर दी गई है, जिससे शिक्षक बच्चों की पढ़ाई करवाए या स्कूलों में डाकमेन का काम करें, समझ से परे है। आज शिक्षकों को स्कूल जाने से पहले ही तत्काल  जानकारी के नाम पर और ऑनलाइन एंट्री के नाम पर  जरूरत से ज्यादा अतिरिक्त बोझ  दिया जा रहा है, राज्य शासन के शिक्षा विभाग तो व्हाट्सएप के माध्यम से सीधे पत्र जारी कर दे रहे है, पर स्कूलों को दबाव भी बनाया जाता है, आदेश/निर्देशो को सीधे फारवर्ड कर दिया जाता है कि इसे तत्काल प्राथमिकता से पालन करने कहा जाता है, आज शिक्षक बच्चों को कैसे पढ़ाई करवाए समझ से परे है, जंहा एक ओर छात्रवृत्ति, DBT, ऑनलाइन आंकलन,ऑनलाइन कोर्स, रोज रोज स्कूल की तत्काल जानकारी, बच्चों की एंट्री,राज्य कार्यालय के वेबसाइट में स्कूल ड्रेस,पुस्तक वितरण और न जाने हजारों कार्य शिक्षकों से सीधा करवाया जा रहा है, नेट समस्या होने पर शिक्षक पढ़ाई छोड़कर दिन-रात उसी में लगा रहता है, इससे बच्चों की शिक्षा गुणवत्ता की अपेक्षा करना बेईमानी ही है , बच्चों की पढ़ाई और स्तर में सुधार के लिए शिक्षक और स्कूल पूर्ण रूप से अपने दायित्वों को पूरा करने संकल्पित है पर आये दिन रोज रोज शिक्षा विभाग के ऐसे फरमानों से सीधा सरकार को लाभ हो सकता है पर असल और जमीनी हकीकत ये है कि अब शिक्षकों  को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

प्रदेश के शिक्षामंत्री, और सरकार को इस दिशा में संज्ञान लेने की जरूरत है, शिक्षक रोज-रोज के डाक में व्यस्त हो जाते है तो ऐसे में शिक्षा की गुणवत्ता और शिक्षकों से अपेक्षा न रखें, या तो हाई स्कूलों की तरह मिडिल, और प्राथमिक स्कूलों में 01-01 डाक बाबू की भर्ती करें, जिससे शिक्षक स्कूलों में अपना 100% लगाकर बच्चों को पढ़ा सके,या ऐसे कार्यों से शिक्षकों को दूर रखें  जिससे शिक्षा की गुणवत्त्ता बेहतर करने वाट्सप में तत्काल  जैसे डाक जानकारी मंगाना बंद करें, और इस दिशा में संज्ञान ले।

छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडररेशन जिला- राजनांदगांव  से जिलाध्यक्ष- शंकर साहू, जिला संयोजक- दोदेश्वर चंदेल, मितेंद्र बघेल, कुशल कुमार हदगिया, भक्ता राम मंडावी, मंजू देवांगन, माला गौतम, सरिता खान, नेहा खंडेलवाल, महिला प्रकोष्ठ जिला सचिव- अंजूषा वैष्णव सहित राजनांदगांव जिले के 09 ब्लॉक अध्यक्ष गण राजनांदगांव ब्लॉक अध्यक्ष- रोशन साहू, खैरागढ़ ब्लॉक अध्यक्ष- रामलाल साहू व कार्यकारी ब्लॉक अध्यक्ष-नंदकिशोर सिमकर, छुईखदान ब्लॉक अध्यक्ष- कौशल श्रीवास्तव, डोंगरगढ़ ब्लॉक अध्यक्ष- हीरालाल मौर्य व ब्लॉक संयोजक ओमप्रकाश साहू, छुरिया ब्लॉक अध्यक्ष- कीरत  कुमार गणवीर, डोंगरगांव ब्लॉक अध्यक्ष- रमेश साहू, अंबागढ़ चौकी ब्लॉक- अध्यक्ष देव कुमार यादव मोहला ब्लॉक अध्यक्ष- सुनील शर्मा, मानपुर ब्लॉक अध्यक्ष यशवंत कुमार देशमुख व कार्यकारी ब्लॉक अध्यक्ष- नवीन ठाकुर सहित जिला पदाधिकारियों में अनुपमा सोनी, तरुणा मेश्राम, अंजू साहू, असरानी देशमुख, संतोषी सलामे, दीप्ति चुनाप, ममता बघेल,सीता साहू,शोभना भोपचे, शशि साहू, विद्या श्रीरंगे, सपना भारद्वाज, जान्हवी साहू, लता पटवा, शालिनी चौधरी, रामेश्वर साहू, उत्तम ठाकुर, राजकुमार ठाकुर, मोमन साहू, शैलेंद्र साहू, ललित प्रताप सिंग, सुशील मिश्रा, भिखेंद्र जंघेल, लालाराम मेरावी, शिवचरण वर्मा, गांधी राम साहू, ज्ञानचंद साहू, विनोद कुमार यदु, भजन साहू, राजेंद्र साहू, राजकुमार सरजारे, कीर्तन मंडावी, राधेश्याम नेताम, शिवशंकर कोर्राम, आलोक मसीह,रजऊ राम पोया, डोमन बड़ाई, किशोर साहू,मिलन साहू,खिलावन साहू ने भविष्य में शिक्षा गुणवत्ता बनाए रखने में ऐसे अतिरिक्त कार्यों से शिक्षकों को दूर रखने बच्चों के लिए केवल पढ़ाई को फोकस करने सरकार को संज्ञान में लेने कहा गया है।

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